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उदयपुर में बैंकों के 2.86 लाख खातों में फंसे 101 करोड़ रुपये, RBI का ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ शिविर आज से

उदयपुर में बैंकों के 2.86 लाख खातों में फंसे 101 करोड़ रुपये, RBI का ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ शिविर आज से

शोभना शर्मा।  उदयपुर जिले में वर्षों से निष्क्रिय पड़े 2 लाख 86 हजार 243 बैंक खातों में कुल 101.47 करोड़ रुपये जमा हैं, जिनके वास्तविक वारिसों की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। इन रुपयों को बैंकिंग शब्दावली में “अनक्लेम्ड डिपॉजिट” या “अदावाकृत जमा” कहा जाता है। इन निष्क्रिय खातों में जमा धनराशि सही हाथों तक पहुंच सके, इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने केंद्र सरकार के निर्देश पर ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ नामक देशव्यापी अभियान शुरू किया है। इसी कड़ी में उदयपुर में 1 नवंबर 2025 से विशेष शिविर का आयोजन किया गया है।

शिविर का आयोजन: RBI की पहल

यह विशेष शिविर 1 नवंबर 2025 की सुबह 10 बजे से उदयपुर के भुवाणा स्थित एक निजी रिसॉर्ट में आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की। इस कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) समेत सभी प्रमुख बैंक, सेबी (SEBI), बीमा कंपनियां, और पेंशन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। इस शिविर का उद्देश्य न केवल अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जानकारी देना है, बल्कि नागरिकों को उनके भूले या लावारिस बैंक खातों, बीमा पॉलिसियों, शेयरों और पेंशन फंड से जुड़ी जानकारी सुलभ कराना भी है।

क्यों रह जाते हैं पैसे अनक्लेम्ड?

उदयपुर जिले के लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर संजय कुमार गुप्ता के अनुसार, लोगों में वित्तीय जागरूकता की कमी इस समस्या की मुख्य वजह है। अक्सर ऐसा होता है कि खाता धारक अपने बैंक खाते या बीमा पॉलिसी का वारिस जीवित रहते घोषित नहीं करते, या किसी दुर्घटना में उनकी मृत्यु के बाद परिवार को उस खाते की जानकारी नहीं होती। इस वजह से यह रकम वर्षों तक बैंकों में निष्क्रिय पड़ी रहती है। अब आरबीआई का यह अभियान इस पूंजी को “सही वारिसों तक पहुंचाने” का माध्यम बनेगा।

शिविर में क्या सुविधाएं मिलेंगी?

शिविर में आने वाले नागरिकों को विभिन्न प्रकार की वित्तीय संपत्तियों के दावे की प्रक्रिया समझाई जाएगी, जैसे—

  • अनक्लेम्ड बैंक जमा

  • अनक्लेम्ड बीमा क्लेम

  • अनक्लेम्ड शेयर और डिविडेंड

  • म्यूचुअल फंड यूनिट्स

  • पेंशन संबंधित निधियां

साथ ही विशेषज्ञ टीम लोगों को यह भी बताएगी कि कैसे वे अपने या अपने परिवारजनों के नाम पर दर्ज खातों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और दावा प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

यूडीजीएएम पोर्टल: अनक्लेम्ड डिपॉजिट खोजने का ऑनलाइन माध्यम

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस उद्देश्य के लिए “UDGAM” (Unclaimed Deposits – Gateway to Access Information) पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति देश के 30 प्रमुख बैंकों में जमा अपनी या अपने परिवार के सदस्य की लावारिस राशि की जानकारी प्राप्त कर सकता है।

यूडीजीएएम पोर्टल का उपयोग कैसे करें?

  1. यूडीजीएएम पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

  2. पहली बार उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं को मोबाइल नंबर से पंजीकरण (Registration) करना होगा।

  3. लॉग इन के बाद खाताधारक का नाम, पैन नंबर, आधार नंबर, वोटर आईडी या जन्म तिथि जैसी जानकारी भरनी होगी।

  4. पोर्टल आपके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर 30 प्रमुख बैंकों में मौजूद अनक्लेम्ड डिपॉजिट की सूची दिखाएगा।

  5. यदि आपको पता चलता है कि आपके नाम पर कोई निष्क्रिय खाता है, तो आप उस बैंक की शाखा या वेबसाइट से संपर्क कर दावा कर सकते हैं।

  6. दावा करते समय पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण और जमा का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

  7. संबंधित बैंक आपके दस्तावेजों की जांच के बाद राशि जारी करेगा।

किन बैंकों की जानकारी मिलेगी यूडीजीएएम पोर्टल पर?

इस पोर्टल पर निम्नलिखित बैंकों के अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जानकारी उपलब्ध है: एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सिटीबैंक, डीबीएस बैंक इंडिया, धनलक्ष्मी बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडसइंड बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, कर्नाटक बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सारस्वत बैंक, साउथ इंडियन बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक, करूर वैश्य बैंक, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया।

उदयपुर में बड़ी राशि निष्क्रिय

उदयपुर जिले में अनक्लेम्ड राशि का आंकड़ा चौंकाने वाला है।

  • कुल निष्क्रिय खाते: 2,86,243

  • कुल राशि: ₹101.47 करोड़
    इनमें अधिकांश खाते 5 वर्ष से अधिक पुराने हैं और लंबे समय से किसी लेनदेन के बिना निष्क्रिय पड़े हैं।

क्यों जरूरी है यह अभियान?

देशभर में हजारों करोड़ रुपये ऐसे ही अनक्लेम्ड पड़े हैं। RBI के आंकड़ों के अनुसार, केवल 2024-25 के अंत तक बैंकों में जमा ₹42,000 करोड़ से अधिक राशि अनक्लेम्ड थी। इस अभियान का उद्देश्य न केवल नागरिकों को उनका वैध अधिकार दिलाना है, बल्कि वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और भरोसा बढ़ाना भी है।

विशेषज्ञों की राय

वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” जैसी पहलें न केवल जनता को अपने वित्तीय अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं, बल्कि बैंकों को भी अपने डेटा को अद्यतन करने और निष्क्रिय खातों की समीक्षा के लिए प्रेरित करती हैं। RBI के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान आगे अन्य जिलों में भी चलाया जाएगा ताकि हर नागरिक तक उसकी पूंजी पहुंच सके।

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