शोभना शर्मा, अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की हिंदी लेक्चरर भर्ती 2022 में फर्जी डिग्री और पेपर लीक के मामले में एसओजी की जांच ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। जांच में पाया गया कि गंगरार (चित्तौड़गढ़) की मेवाड़ यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री का उपयोग करके नौकरी प्राप्त करने का प्रयास किया गया था। इस मामले में मुख्य आरोपी सांचौर निवासी ब्रह्मकुमारी ने सुरेश बिश्नोई और ओमप्रकाश मांजू के साथ मिलकर परीक्षा से पहले ही पेपर सॉल्व कर लिया था।
दूसरी आरोपी कमला की जगह सांचौर की स्कूल टीचर उर्मिला ने डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा दी थी और इसके बदले में 10 लाख रुपए लिए थे। 15 अक्टूबर 2022 को आयोजित परीक्षा में दोनों अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित किया गया था और वे मेरिट में भी शामिल हो गई थीं।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि ब्रह्मकुमारी और कमला ने फर्जी डिग्री के लिए अपने मौसेरे भाई दलपत सिंह के माध्यम से सुरेश कुमार और अन्य लोगों से संपर्क किया था। जोधपुर के एसएन कॉलेज पीजी हॉस्टल में बैठकर यह साजिश रची गई थी। फर्जी डिग्रियाँ दिल्ली स्थित एस एंटरप्राइजेज फर्म द्वारा छापी गई थीं और इन डिग्रियों को परीक्षा विभाग के सहायक वीरेंद्र सिंह की मदद से उपलब्ध कराया गया था।
एसओजी की जांच में मोबाइल चैट और वॉइस रिकॉर्डिंग के माध्यम से यह भी पता चला कि पेपर लीक होने के बाद ब्रह्मकुमारी को सॉल्व कराया गया था। कमला की जगह उर्मिला ने परीक्षा देकर उसे उत्तीर्ण कराया। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ 1069 पेज की चार्जशीट पेश की है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।