मनीषा शर्मा । मानसून का मौसम चल रहा है और देश के अधिकतर राज्यों में बारिश और उमस का दौर जारी है। बरसात का मौसम जहां एक ओर सुहावना लगता है, वहीं दूसरी ओर यह कई इन्फेक्शन और बीमारियों को भी साथ लेकर आता है। खासकर फंगल इन्फेक्शन, आई इन्फेक्शन, स्किन इन्फेक्शन, पेट का संक्रमण, बुखार और फ्लू इस मौसम में अधिक देखने को मिलते हैं।
फंगल संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले हिस्सों में पैर की उंगलियां, कमर, जांघ और आंखें शामिल हैं। ये संक्रमण खुजली, वैजाइनल यीस्ट और कई अन्य स्किन डिजीज का कारण बन सकते हैं। इन दिनों कई राज्यों में आई फ्लू के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे फंगल इन्फेक्शन के बारे में, जो बारिश के मौसम में आपको प्रभावित कर सकते हैं।
एथलीट फुट (टीनिया पेडिस)
एथलीट फुट एक कॉमन फंगल इन्फेक्शन है जो पैरों की त्वचा को प्रभावित करता है, खासकर पैर की उंगलियों के बीच की जगह को। मानसून के मौसम में जूते पहनने से पैरों में नमी बनी रहती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
दाद (टीनिया कॉर्पोरिस)
दाद त्वचा का एक गंभीर फंगल संक्रमण है। इससे त्वचा पर गोलाकार, लाल और खुजली वाले धब्बे हो जाते हैं और यह शरीर के अन्य हिस्सों पर भी फैल सकता है। यह संक्रमित त्वचा के संपर्क में आने से फैलता है।
जॉक इच और फंगल केराटाइटिस
जॉक इच एक फंगल इन्फेक्शन है जो कमर, जांघ और बटक्स पर होता है। इससे खुजली, लालिमा और दाने हो जाते हैं। फंगल केराटाइटिस आंख के कॉर्निया को प्रभावित करता है और अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
नेल फंगस (ओनिकोमाइकोसिस)
मानसून के मौसम में नाखूनों में फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह आमतौर पर पैर की उंगलियों में होता है, जिससे नाखून मोटे हो जाते हैं, उनका रंग खराब हो जाता है और वे टूटने लगते हैं।
कैंडिडिआसिस
यह फंगल इन्फेक्शन कैंडिडा फंगल के कारण होता है। इससे शरीर के विभिन्न हिस्से प्रभावित हो सकते हैं। आमतौर पर यह मुंह और प्राइवेट पार्ट्स को प्रभावित करता है, जिससे महिलाओं में वैजाइनल इन्फेक्शन होता है।
एस्परगिलोसिस
यह फंगल इन्फेक्शन एस्परगिलस मोल्ड के कारण होता है। इसका सबसे ज्यादा खतरा कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को होता है। यह साइनस और फेफड़ों को प्रभावित कर गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है।
मानसून के मौसम में फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। पैरों और नाखूनों को सूखा और स्वच्छ रखें, और बारिश में भीगने के बाद तुरंत पैरों को धोकर सुखाएं। इस मौसम में फंगल इन्फेक्शन से बचाव के लिए एंटीफंगल पाउडर या क्रीम का उपयोग करें और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।