मनीषा शर्मा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी पेंशन समय पर प्राप्त करने और इसके लिए सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। अजमेर जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उनकी मुख्य मांग यह थी कि पेंशन राशि हर महीने की 1 तारीख को उनके खातों में जमा हो और इस बारे में उन्हें मोबाइल पर मैसेज के जरिए सूचित किया जाए।
वर्तमान व्यवस्था से पेंशनर्स परेशान
सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष करण सिंह ने बताया कि दिसंबर 2022 से पहले पेंशनर्स को बैंकों के माध्यम से बिना किसी अतिरिक्त प्रक्रिया के पेंशन का भुगतान किया जाता था। जीवित प्रमाण पत्र जमा कराने की प्रक्रिया सरल थी, और पेंशन भुगतान से संबंधित सभी जानकारी मोबाइल मैसेज के माध्यम से मिल जाती थी।
2022 के बाद, यह सभी कार्य पेंशन विभाग को सौंप दिए गए। नई व्यवस्था के तहत हर वर्ष जीवित प्रमाण पत्र राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित कराना अनिवार्य हो गया। इसके अतिरिक्त, यदि किसी महीने की 1 या 2 तारीख को सरकारी अवकाश होता है, तो पेंशन का भुगतान 3 तारीख को होता है। यह स्थिति पेंशनर्स के लिए असुविधाजनक और मानसिक तनाव का कारण बन रही है।
मुख्य मांगें
प्रदर्शनकारी सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने निम्न मांगें प्रस्तुत की:
- पेंशन भुगतान की तिथि: पेंशन का भुगतान हर महीने की 1 तारीख को किया जाए।
- मोबाइल मैसेज सुविधा: पेंशन राशि खाते में जमा होने पर पेंशनर्स को मोबाइल मैसेज भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- सरल प्रक्रिया: जीवित प्रमाण पत्र और पेंशन डिटेल की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।
राज्य सरकार से उम्मीदें
पेंशनर्स का कहना है कि यह उनकी बुनियादी और जायज मांग है, जिसे सरकार को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना चाहिए। समय पर पेंशन मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहती है और जीवन यापन में सहूलियत होती है।