मनीषा शर्मा। सोशल मीडिया और युवाओं की सतर्कता ने राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक 7 साल के मासूम बच्चे की जिंदगी बचा ली। बुधवार, 8 जनवरी को रामदेव कॉलोनी से इस बच्चे का किडनैप कर लिया गया था। लेकिन 9 घंटे के अंदर बच्चे को सकुशल बचा लिया गया।
घर के बाहर खेलते समय हुआ अपहरण
यह घटना रामदेव कॉलोनी में हुई, जहां बच्चा अपने घर के बाहर खेल रहा था। उसके दादा किसी काम से घर के अंदर गए और कुछ मिनट बाद लौटने पर बच्चा गायब मिला। घरवालों ने आसपास खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस को सूचना देने पर आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इसमें दो युवकों को बच्चे को बाइक पर ले जाते हुए देखा गया। ये फुटेज तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल किए गए।
सोशल मीडिया और युवाओं की सजगता
वायरल फुटेज को देखकर कालूवाला गांव के चार युवाओं ने शाम को एनएलपी नहर के पास एक बाइक पर दो युवकों को बच्चे के साथ जाते देखा। उन्हें शक हुआ, तो पीछा करके बदमाशों को पकड़ लिया।
बदमाशों ने झूठा दावा किया कि बच्चा उनका भतीजा है, लेकिन सोशल मीडिया पर देखी गई तस्वीरों से युवाओं ने उनकी पहचान कर ली। मौके पर भीड़ जमा हो गई और पुलिस को सूचना दी गई।
फिरौती के जरिए पकड़ने का पुलिस प्लान
अपहरण के दो घंटे बाद बच्चे के परिजनों से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने परिजनों का रूप धारण कर बदमाशों से बातचीत की। आरोपियों से बच्चे की फोटो और वीडियो मंगवाई गई। इसके बदले नोटों की तस्वीर भेजी गई ताकि उन्हें पकड़ने का प्लान बनाया जा सके।
बदमाशों का हत्या का प्लान
शाम होते-होते बदमाशों को शक हो गया कि पुलिस उनका पीछा कर रही है। डर के मारे उन्होंने बच्चे को नहर में फेंकने का प्लान बनाया। लेकिन साधुवाली गंगनहर और एनएलपी नहर के पास लोगों की मौजूदगी के कारण वे ऐसा नहीं कर सके।
बच्चा 9 घंटे में हुआ रेस्क्यू
युवाओं की सजगता और सोशल मीडिया की मदद से बदमाशों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को शांत किया और दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।