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सीकर से सांवलिया सेठ तक सीधी बस सेवा शुरू, धार्मिक पर्यटकों को राहत

सीकर से सांवलिया सेठ तक सीधी बस सेवा शुरू, धार्मिक पर्यटकों को राहत

शोभना शर्मा।  राजस्थान में धार्मिक यात्राओं को सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक और पहल करते हुए सीकर रोडवेज़ डिपो ने सीकर से सांवलिया सेठ मंदिर तक सीधी बस सेवा शुरू कर दी है। यह बस सेवा उन हजारों श्रद्धालुओं के लिए राहत लेकर आई है, जो अब तक मंदिर तक पहुंचने के लिए कई बसों में सफर करते थे। सीकर रोडवेज़ के मुख्य प्रबंधक दीपक कुमावत ने जानकारी दी कि यह सेवा श्रद्धालुओं की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद शुरू की गई है। यह बस न केवल सीकर बल्कि नागौर, कुचामन, अजमेर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जैसे मार्ग में पड़ने वाले शहरों के यात्रियों को भी सुविधा देगी।

बस का संचालन और समय सारणी

यह सीधी बस हर दिन सीकर से चलकर सांवलिया सेठ धाम पहुंचेगी। वापसी की व्यवस्था भी नियमित रखी गई है।

  • सीकर से प्रस्थान: सुबह यात्रा शुरू कर यह बस शाम 5:30 बजे सांवलिया सेठ मंदिर पहुंच जाती है।

  • सांवलिया सेठ से वापसी: यह बस सुबह 6:15 बजे धाम से लौटती है और शाम 5:00 बजे तक सीकर डिपो पहुंच जाती है।

इस सेवा से न केवल श्रद्धालुओं को समय की बचत होगी, बल्कि अतिरिक्त बस किराए और बार-बार बसें बदलने की परेशानी से भी राहत मिलेगी।

नागौर, अजमेर, भीलवाड़ा और चित्तौड़ के श्रद्धालुओं को भी लाभ

इस सीधी बस सेवा का फायदा सिर्फ सीकर के लोगों को ही नहीं, बल्कि उन यात्रियों को भी होगा जो रास्ते में पड़ने वाले प्रमुख शहरों से आते हैं:

  • कुचामन और नागौर से आने वाले श्रद्धालुओं को पहले अजमेर या जयपुर जाकर बस बदलनी पड़ती थी। अब वे सीधे इस बस में बैठ सकते हैं।

  • अजमेर और भीलवाड़ा के यात्रियों के लिए यह सेवा उनके धार्मिक यात्रा को अधिक सुगम बनाएगी।

  • चित्तौड़गढ़, जो सांवलिया सेठ मंदिर के काफी पास है, वहां से लौटने वाले यात्रियों के लिए भी यह एक आसान विकल्प होगा।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

सीकर डिपो के अधिकारी दीपक कुमावत ने कहा कि इस नई सेवा से राज्य के धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। श्रद्धालु अब सीधे और सुविधाजनक ढंग से यात्रा कर सकेंगे, जिससे मंदिर में भक्तों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। राजस्थान में सांवलिया सेठ मंदिर एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है, जहां पूरे वर्षभर लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। अधिकतर लोग निजी वाहनों या जटिल बस रूट्स से मंदिर पहुंचते थे, जिससे न केवल यात्रा लंबी होती थी, बल्कि खर्च भी अधिक आता था। अब यह सीधी बस सेवा न केवल आवागमन को सुलभ बनाएगी, बल्कि प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन की उपयोगिता भी बढ़ाएगी।

समय और पैसे की बचत

इस सेवा का सबसे बड़ा लाभ यात्रियों को समय और पैसे की बचत के रूप में मिलेगा। अभी तक जो यात्री तीन-चार बसें बदलकर सांवलिया सेठ पहुंचते थे, उन्हें अब सीधा, एकमात्र साधन उपलब्ध है। इससे यात्रियों को:

  • सफर में थकान कम होगी

  • लंबे इंतजार और टिकटिंग की प्रक्रिया से राहत मिलेगी

  • पूरे रूट पर एक ही टिकट में यात्रा संभव होगी

श्रद्धालुओं में उत्साह, बस सेवा को मिला अच्छा रिस्पॉन्स

इस सेवा की शुरुआत के बाद से ही श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला है। सीकर और आसपास के इलाकों के भक्तों ने इसे “बहुप्रतीक्षित सुविधा” करार दिया है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इससे न केवल यात्राओं में सुगमता आएगी बल्कि मंदिर तक पहुंचना अब हर वर्ग के लिए संभव होगा — खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए।

प्रशासन की योजना और भविष्य की संभावना

रोडवेज प्रशासन ने बताया कि अगर इस सेवा को अच्छा प्रतिसाद मिला तो:

  • अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे नाथद्वारा, खाटू श्यामजी आदि के लिए भी सीधी सेवाएं शुरू की जा सकती हैं।

  • विशेष मौकों जैसे त्योहारों और मेलों पर अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी।

  • यात्रियों की सुविधा के अनुसार रात की सेवाएं भी योजना में हैं।

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