शोभना शर्मा, अजमेर। बीती रात हुई तेज बरसात ने शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पाल टूटने और लगातार हो रही वर्षा के चलते कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शनिवार सुबह से मौसम साफ होने के बावजूद बरसात का पानी लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। प्रशासनिक स्तर पर लगातार दौरे किए जा रहे हैं और राहत कार्यों में बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटाए गए हैं।
स्वास्तिक नगर में बिगड़े हालात
सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति स्वास्तिक नगर क्षेत्र में देखने को मिल रही है। पाल टूटने के बाद यहां गलियों और मकानों में पानी भर गया है। प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए दिन-रात करीब 200 कार्मिकों को राहत कार्यों में लगाया है। नगर निगम की ओर से लगातार मड पंपों के जरिए पानी की निकासी की जा रही है। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए समझाइश भी दी गई है।
बोराज तालाब और आनासागर की स्थिति
बोराज तालाब की पाल टूटने के कारण अतिरिक्त पानी आनासागर झील में पहुंच रहा है। झील की जलधारण क्षमता पर दबाव बढ़ने से आनासागर से पानी की निकासी बढ़ा दी गई है। परिणामस्वरूप झील से लगे क्षेत्रों में सड़क मार्ग बाधित हो रहे हैं। जलस्तर बढ़ने से महावीर सर्कल और बजरंगगढ़ के बीच का मार्ग पूरी तरह से बंद करना पड़ा है। सूचना केंद्र चौराहे से आगरा गेट की तरफ जाने वाले मार्ग पर भी पानी बहने लगा है, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। प्रशासन ने इन मार्गों पर आवाजाही रोक दी है और लोगों को वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
निचली बस्तियों में जलभराव
अजमेर की निचली बस्तियां इस प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। आम का तालाब, स्वास्तिक नगर और आसपास की गलियों में पानी भर गया है। कई परिवारों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा है। नगर निगम ने पानी की निकासी के लिए पंपिंग सेट लगाए हैं, लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर से हालात पर पूरी तरह काबू पाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं। अतिरिक्त कर्मचारियों और मशीनरी की मदद से पानी की निकासी और सफाई कार्य किए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन दल को भी तैनात किया गया है ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में तुरंत राहत पहुंचाई जा सके।
अब तक 1100 एमएम वर्षा दर्ज
अजमेर में इस मानसून सीजन में अब तक 1100 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 250 एमएम अधिक है। जिलेभर में भारी वर्षा होने से 95 प्रतिशत जल स्त्रोत पहले ही ओवरफ्लो हो चुके हैं। शेष जल स्त्रोत भी लगभग भर चुके हैं। इसका फायदा यह है कि जिले में पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त भंडारण हो चुका है, लेकिन जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति ने फिलहाल लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
स्थानीय जनजीवन प्रभावित
पानी भरने से कई कॉलोनियों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। सड़कों पर पानी जमा होने से यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। बसें और निजी वाहन कई मार्गों पर फंसे रहे। स्कूलों में भी उपस्थिति पर असर देखने को मिला। जिन इलाकों में पानी घरों के अंदर घुसा, वहां लोगों को अपने सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की जद्दोजहद करनी पड़ी।