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सरकारी नौकरी में फर्जी विधवा सर्टिफिकेट से भर्ती घोटाला

सरकारी नौकरी में फर्जी विधवा सर्टिफिकेट से भर्ती घोटाला

शोभना शर्मा। सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़े के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। हाल के एक मामले में, ब्यावर जिले की दो बहनों ने फर्जी विधवा सर्टिफिकेट का उपयोग करके तृतीय श्रेणी शिक्षक की नौकरी हासिल की। यह घटना सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार के बढ़ते स्तर को उजागर करती है, जहां नौकरी पाने के लिए उम्मीदवार विभिन्न अनैतिक तरीकों का सहारा ले रहे हैं।

फर्जीवाड़े की कहानी

नवगठित ब्यावर जिले में सुनीता और रेखा नामक दो बहनों ने फर्जी विधवा सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त की। सुनीता ने अपनी बड़ी बहन के देवर का मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाकर खुद को विधवा बताया और इस आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। वहीं, उसकी छोटी बहन रेखा ने गांव के एक लड़के मदन सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर विधवा कोटे से नौकरी हासिल की।

कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?

यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब अधिकारियों ने दोनों बहनों द्वारा प्रस्तुत किए गए मृत्यु प्रमाण पत्रों की जांच की। सुनीता ने अपने देवर छगनलाल का मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किया, जो शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी अभी भी जीवित है। छगनलाल की पत्नी को दुर्घटना बीमा राशि भी प्राप्त हुई थी, जिससे फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। दूसरी तरफ, रेखा ने अपने गांव के मदन सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। मदन सिंह की मृत्यु पाली के सोजत में एक सड़क हादसे में हुई थी, लेकिन वह अविवाहित था। मदन सिंह के माता-पिता को उसकी मृत्यु के बाद बीमा राशि मिली थी, और रेखा ने इस प्रमाण पत्र का उपयोग कर सरकारी नौकरी प्राप्त की।

सुनीता और रेखा की सरकारी नियुक्ति

सुनीता वर्ष 2022 में शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास होकर ब्यावर के खारला खेड़ा में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्यापिका बनी, जबकि रेखा वर्ष 2016-17 में बादनी, जिला राजसमंद में नियुक्त हुई। दोनों बहनों की सरकारी नौकरी अब खतरे में है क्योंकि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा साबित हो गया है।

भाजपा नेताओं के नजदीकी रिश्ते

इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद यह भी पता चला कि सुनीता और रेखा का परिवार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ा हुआ है। परिवार के सदस्यों का भाजपा नेताओं के साथ राजनीतिक संबंध रहे हैं और दोनों के माता-पिता सरपंच रहे हैं। जब सुनीता की शादी 2020 में निर्मल सिंह से हुई थी, तब भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत भी समारोह में शामिल हुए थे। दोनों बहनों के पारिवारिक समारोहों में भाजपा नेताओं का आना-जाना होता रहा है।

विधवा सर्टिफिकेट का दुरुपयोग

सरकारी नौकरियों में विशेष आरक्षण के तहत विधवा कोटे से नौकरी प्राप्त करने के लिए युवतियों द्वारा फर्जी विधवा सर्टिफिकेट का उपयोग करना एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। ऐसे मामलों में दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग बढ़ रही है। सरकार और प्रशासन अब इन बहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

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