मनीषा शर्मा। राजस्थान में 23,820 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती एक बार फिर रद्द कर दी गई है। बुधवार को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने इसके आदेश जारी किए। यह तीसरा मौका है जब सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया अटक गई है। लाखों युवाओं की उम्मीदों को झटका देते हुए, यह फैसला प्रशासनिक कारणों से लिया गया है।
भर्ती प्रक्रिया और उसका रद्द होना
राजस्थान सरकार ने प्रदेशभर में सफाई कर्मचारियों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसकी अंतिम तिथि 27 नवंबर थी। 5 दिसंबर तक उम्मीदवारों को अपने दस्तावेजों में संशोधन की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इससे एक दिन पहले ही, सरकार ने इस भर्ती को रद्द करने का निर्णय लिया। भर्ती में सबसे अधिक पद जयपुर नगर निगम ग्रेटर के लिए निर्धारित थे, जहां 3,370 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति होनी थी। इसके अलावा, अजमेर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, और बीकानेर जैसे शहरों में भी हजारों पदों पर नियुक्तियां की जानी थीं।
विरोध और विवाद का मुख्य कारण: अनुभव प्रमाण-पत्र
भर्ती प्रक्रिया में अनुभव प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता ने वाल्मीकि समाज के सदस्यों को नाराज कर दिया। समाज के लोगों का कहना था कि यह शर्त न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि यह नई पीढ़ी के बेरोजगार युवाओं के अवसरों को छीनने वाली है। जयपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में वाल्मीकि समाज ने इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। सफाई कर्मचारियों ने सात दिनों तक काम का बहिष्कार किया, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ा। परिणामस्वरूप, जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज क्षेत्र की भर्ती को स्थगित कर दिया गया।
वाल्मीकि समाज की मांगें और समर्थन
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय वाल्मीकि समाज के हित में लिया गया है। डंडोरिया ने यह भी मांग की कि नई भर्ती प्रक्रिया में केवल उन लोगों को मौका दिया जाए, जिन्होंने कम से कम एक वर्ष तक सफाई कार्य में अनुभव हासिल किया हो। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि भर्ती प्रक्रिया संविदा के आधार पर पूरी हो और इसके नियम सरल व पारदर्शी बनाए जाएं।”
भर्ती प्रक्रिया का इतिहास: पहले भी अटकी प्रक्रिया
यह पहली बार नहीं है जब सफाई कर्मचारियों की भर्ती रद्द हुई हो। अप्रैल 2023 में कांग्रेस सरकार ने 13,184 पदों पर चल रही भर्ती को रद्द कर दिया था। इसके बाद अगस्त 2024 में प्रदेश की भजनलाल सरकार ने 24,797 पदों पर जारी भर्ती को भी स्थगित कर दिया। अब, तीसरी बार, 23,820 पदों पर जारी भर्ती को भी वापस ले लिया गया है। लगातार रद्द हो रही इन भर्तियों ने न केवल बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों को तोड़ा है, बल्कि सरकारी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए हैं।
प्रशासनिक कारण या राजनीति?
भर्ती रद्द करने के पीछे प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया गया है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भर्ती कब शुरू होगी, इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
राजस्थान सरकार पर बढ़ता दबाव
राजस्थान के लाखों बेरोजगार युवा और वाल्मीकि समाज सरकार पर नई भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने का दबाव बना रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार को भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना चाहिए ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सके।
भविष्य की राह: नई भर्ती प्रक्रिया की मांग
सरकार के इस निर्णय ने सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़े मुद्दों को और पेचीदा बना दिया है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुभव प्रमाण-पत्र की बाध्यता जैसे मुद्दों पर विचार करने के लिए सरकार को ठोस नीति बनानी होगी। वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारी संघों ने सरकार से आग्रह किया है कि नई प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए और इसमें सभी समुदायों के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए जाएं।


