मनीषा शर्मा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार 29 सितंबर की शाम राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के विकास, औद्योगिक निवेश, सौर ऊर्जा और रोजगार के संदर्भ में कई अहम निर्णय लिए गए। इन फैसलों से राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश की औद्योगिक व आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया को फैसलों की जानकारी दी।
मुख्य फैसले:
1. 60,000 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती
राजस्थान सरकार ने 60,000 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की है, जिसके लिए अब न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं कक्षा कर दी गई है। पहले यह 8वीं कक्षा थी, लेकिन अब सभी उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाएगा। साथ ही, 23,820 सफाईकर्मियों की भर्ती भी स्थानीय निकायों द्वारा की जाएगी, जिसके लिए विज्ञप्ति जारी हो चुकी है।
2. ड्राइवर पदों की भर्ती में संशोधन
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तरह ही ड्राइवर पदों के लिए भी शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाकर 10वीं पास कर दिया गया है। अब ड्राइवरों की भर्ती भी लिखित परीक्षा के जरिए होगी और इस प्रक्रिया में भी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। राज्य के विभिन्न विभागों में लगभग 23 हजार ड्राइवरों के पद रिक्त हैं, जिन्हें भरने की योजना है।
3. 2600 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को मंजूरी
राज्य में स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा के लिए जैसलमेर में 2600 मेगावाट का विशाल सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। कैबिनेट ने इस परियोजना के लिए भूमि आवंटन को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना क्रिस्टलाइन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी, जिसमें अत्याधुनिक सौर ऊर्जा उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इसके तहत 10,418 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया जा चुका है, जिससे राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
4. राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPs)-2024
राजस्थान सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए RIPs-2024 को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत अब 50 करोड़ रुपये के निवेश की न्यूनतम सीमा को घटाकर 25 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह योजना प्रदेश के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी और विशेष रूप से MSME और अन्य उभरते हुए क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन क्षेत्र के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 10 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
5. खेजड़ी और अन्य पेड़ों की सुरक्षा
पश्चिमी राजस्थान में सोलर और विंड प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों द्वारा खेजड़ी और अन्य पेड़ों को काटा जा रहा था, जिससे पर्यावरणीय क्षति हो रही थी। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कैबिनेट ने फैसला किया कि अब बिना विशेष अनुमति के पेड़ नहीं काटे जाएंगे। अगर कंपनियों को पेड़ काटने की आवश्यकता पड़ी, तो उन्हें उसकी भरपाई के लिए दोगुने पेड़ लगाने होंगे।
6. मंत्रालयिक कर्मचारियों के वेतनमान में सुधार
राज्य के मंत्रालयिक कर्मचारियों की ग्रेड पे में भी सुधार किया गया है। अब उन्हें L-15 (6000) की जगह L-16 (6600) पे स्केल मिलेगा। साथ ही, आयुष विभाग के वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी और समकक्ष पदों पर काम करने वाले अधिकारियों को सेवा में रहते हुए पीजी डिग्री प्राप्त करने पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जाएगी।
7. स्वतंत्र पत्रकारों के लिए नए नियम
कैबिनेट ने स्वतंत्र पत्रकारों के लिए मान्यता के नियमों में बदलाव किया है। अब स्वतंत्र पत्रकारों को मान्यता देने के लिए न्यूनतम आयु 50 से घटाकर 45 वर्ष कर दी गई है, साथ ही अनुभव की आवश्यकता को भी 25 वर्ष से घटाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। इससे युवा पत्रकारों को भी मान्यता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
8. 5 हजार 708 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन
राज्य सरकार ने जैसलमेर और फलोदी जिलों में 5 हजार 708 मेगावाट सौर ऊर्जा और विंड-सोलर हाइब्रिड परियोजनाओं के लिए 10 हजार 418 हेक्टेयर भूमि आवंटन की मंजूरी दी है। यह परियोजनाएं राजस्थान को “एनर्जी सरप्लस स्टेट” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
9. छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की क्षमता में वृद्धि
राजस्थान सरकार ने एनटीपीसी और राज्य विद्युत उत्पादन निगम के साथ मिलकर छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्लांट में 660 और 800 मेगावाट की दो अतिरिक्त विद्युत तापीय इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इससे राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी और लगभग 14,400 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
आर्थिक और औद्योगिक विकास पर फोकस
राजस्थान सरकार के इन फैसलों से न सिर्फ राज्य के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी। RIPs-2024 जैसी योजनाओं से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और राजस्थान को एक उभरते हुए औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सौर ऊर्जा और थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे।