शोभना शर्मा। नए साल की शुरुआत राजस्थान के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ हुई। जयपुर के मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर, खाटूश्यामजी, जीण माता मंदिर, सालासर बालाजी, मेहंदीपुर बालाजी, और गोविंददेव जी मंदिर में भक्तों ने विशेष श्रद्धा के साथ दर्शन किए। खासतौर पर मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। बुधवार के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना ने इस आयोजन को और भव्य बना दिया।
नए साल पर उमड़ा भक्तों का सैलाब
2025 के पहले दिन, श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में मंदिरों का रुख किया। जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भक्तों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया। लोगों ने नए साल की शुरुआत भगवान गणेश के दर्शन और आशीर्वाद के साथ की।
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए। मुख्य सड़क पर पांच अलग-अलग कतारें लगाई गईं, जिसमें महिलाओं और बच्चों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया। बैरिकेड्स लगाए गए ताकि व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में विशेष पूजा और झांकी
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में बुधवार को सुबह 5 बजे मंगला आरती से दिन की शुरुआत हुई। महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि मंगला आरती से पहले भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद गणेश जी को नवीन पोशाक पहनाई गई और स्वर्ण मंडित मुकुट धारण कराया गया।
छप्पन भोग की झांकी:
सुबह 10:30 बजे श्रृंगार आरती के दौरान भगवान गणेश को फूलों से सजाया गया। दोपहर 1:30 बजे भोग आरती के समय भगवान को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया। छप्पन भोग की भव्य झांकी ने श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया।दिनभर खुले रहे पट:
नए साल की पूर्व संध्या पर मंगलवार रात से ही भक्तों का मंदिर आना शुरू हो गया था। बुधवार को रात 10:30 बजे शयन आरती तक भगवान गणेश के पट खुले रहे। इस दौरान भक्तों को दिनभर दर्शन की अनुमति दी गई।
गढ़ गणेश और अन्य मंदिरों में भी उमड़ी भीड़
जयपुर के गढ़ गणेश मंदिर और ब्रह्मपुरी स्थित मंदिरों में भी नए साल पर भारी भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं ने विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। संकट हरण गणेश मंदिर और चांदपोल बाजार स्थित श्वेत सिद्धिविनायक मंदिर में भी भव्य झांकियां सजाई गईं।
संकट हरण गणेश मंदिर में भगवान को विशेष नवीन पोशाक धारण कराई गई। अंबाबाड़ी स्थित मंदिर में विशेष सजावट की गई और भगवान को नए साल के लिए विशेष भोग अर्पित किया गया।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
भक्तों की भारी संख्या को देखते हुए सभी प्रमुख मंदिरों में सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए। जयपुर के मोती डूंगरी मंदिर में बैरिकेड्स लगाए गए और प्रवेश मार्गों को व्यवस्थित किया गया। महिलाओं और बच्चों के लिए अलग कतारें बनाई गईं ताकि भीड़ में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मंदिर प्रशासन ने नए साल पर विशेष व्यवस्थाओं के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को तैनात किया। साथ ही, भक्तों को प्रसाद और जल की सुविधा भी प्रदान की गई।
नववर्ष की पूर्व संध्या का उल्लास
31 दिसंबर की रात को जयपुर सहित राजस्थान के अन्य शहरों में भी जश्न का माहौल देखने को मिला। आतिशबाजी और रंगारंग कार्यक्रमों के साथ लोगों ने नववर्ष का स्वागत किया। जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों और होटलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। रातभर चली पार्टियों के बाद सुबह श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए।


