शोभना शर्मा। बीते हफ्ते भारतीय कीमती धातु बाजार में सोना चांदी दोनों की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली है। सोने की कीमतों में 2,600 रुपये से अधिक और चांदी में 5,000 रुपये से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई है। यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बनी अनिश्चितता, सुरक्षित निवेश के प्रति बढ़ते रुझान और मांग-आपूर्ति के समीकरण में बदलाव के चलते आई है।
सोना चांदी की कीमतों में तेज उछाल
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 24 कैरेट सोना इस समय 1,00,942 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है, जो एक हफ्ते पहले 98,253 रुपये था। इस तरह एक हफ्ते में सोने के दाम 2,689 रुपये बढ़ गए।
24 कैरेट गोल्ड प्राइस: 1,00,942 रुपये प्रति 10 ग्राम (पहले 98,253 रुपये)
22 कैरेट गोल्ड प्राइस: 92,463 रुपये प्रति 10 ग्राम (पहले 90,000 रुपये)
18 कैरेट गोल्ड प्राइस: 75,707 रुपये प्रति 10 ग्राम (पहले 73,690 रुपये)
इस बढ़त के साथ सोना अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर के पास पहुंच गया है।
समीक्षा अवधि में चांदी का भाव भी तेजी से बढ़ा है। बीते हफ्ते चांदी की कीमत 5,086 रुपये बढ़कर 1,14,732 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जबकि एक हफ्ते पहले यह 1,09,646 रुपये प्रति किलो थी। चांदी अपने उच्चतम स्तर के बेहद करीब है। 7 अगस्त को चांदी ने 1,15,250 रुपये प्रति किलो का ऑल-टाइम हाई बनाया था।
जनवरी से अब तक की तेजी
अगर पूरे साल के रुझान पर नजर डालें तो 1 जनवरी से अब तक सोना और चांदी दोनों में जबरदस्त तेजी आई है।
सोना (24 कैरेट): 1 जनवरी को 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो अब 24,780 रुपये या 32.53% बढ़कर 1,00,942 रुपये हो गया है।
चांदी: 1 जनवरी को 86,017 रुपये प्रति किलो थी, जो अब 28,715 रुपये या 33.38% बढ़कर 1,14,732 रुपये हो गई है।
कीमतें क्यों बढ़ीं?
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियां बनी हुई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कई देशों पर टैरिफ लगाए जाने के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ी है।सुरक्षित निवेश की ओर रुझान
सोना और चांदी हमेशा से ही अनिश्चित परिस्थितियों में सुरक्षित निवेश माने जाते हैं। जब शेयर बाजार या अन्य जोखिम भरे निवेश साधनों में गिरावट आती है, तब निवेशक सोना-चांदी में निवेश करना पसंद करते हैं।सीमित आपूर्ति और बढ़ती मांग
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने और चांदी की आपूर्ति सीमित है, जबकि निवेशकों और उद्योग जगत से इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। इससे कीमतों में उछाल आ रहा है।मुद्रा और ब्याज दरों का असर
कई देशों में ब्याज दरों में कटौती और मुद्रा की कमजोरी ने भी कीमती धातुओं की कीमत को सहारा दिया है।
निवेशकों के लिए संकेत
सोने और चांदी की बढ़ती कीमतें निवेशकों के लिए दो तरह का संदेश देती हैं —
जो निवेशक पहले से इसमें निवेश कर चुके हैं, उन्हें अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं।
नए निवेशकों को सोचना होगा कि ऊंची कीमत पर निवेश करना उचित है या नहीं, खासकर तब जब बाजार में अस्थिरता बनी हुई हो।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक परिस्थिति और भू-राजनीतिक तनावों के कारण सोना-चांदी की कीमतों में निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।
गहनों के खरीदारों पर असर
कीमतों में इस उछाल का सबसे बड़ा असर आम उपभोक्ताओं, खासकर गहनों के खरीदारों पर पड़ रहा है। त्योहार और शादी के सीजन में सोना और चांदी की कीमतें अगर ऐसे ही ऊंचे स्तर पर बनी रहीं, तो खरीदारी में कमी देखी जा सकती है। हालांकि, कई लोग इसे लंबे समय का निवेश मानकर खरीदना जारी रखते हैं।