शोभना शर्मा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने प्रैक्टिकल परीक्षाओं में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। इन नए निर्देशों के तहत, प्रैक्टिकल एग्जामिनर को अपनी उपस्थिति और लोकेशन बोर्ड को रियल टाइम में साझा करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें अपनी और प्रयोगशाला (लैब) की तस्वीरें भी भेजनी होंगी।
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद लिया गया फैसला
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में एक बैठक में प्रैक्टिकल परीक्षाओं में पारदर्शिता की कमी और अंकों के अनियमित वितरण पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने इस परंपरा को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की, जिसमें एग्जामिनर्स को अतिरिक्त सुविधाएं देकर प्रभावित करने की कोशिश की जाती थी।
शिक्षा मंत्री ने कहा,
“यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि छात्र अपने प्रैक्टिकल में जो मेहनत करते हैं, उसके आधार पर उन्हें अंक मिलें। बिना मूल्यांकन के अंक देना न केवल गलत है, बल्कि छात्रों के साथ अन्याय भी है।”इसके बाद, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने इन सुझावों को अमल में लाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए।
नई गाइडलाइंस का उद्देश्य
नए दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य प्रैक्टिकल परीक्षाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा देना है। बोर्ड ने सुनिश्चित किया है कि परीक्षक अपने कर्तव्यों का पालन पूरी ईमानदारी से करें और छात्रों को उनके वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर अंक मिलें।
प्रैक्टिकल परीक्षाओं की तैयारियां
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 9 जनवरी 2024 से शुरू होंगी। इन परीक्षाओं में 12वीं कक्षा के लगभग 13 लाख छात्र भाग लेंगे। बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों को सभी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया,
“इस बार परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। परीक्षक को अपनी लोकेशन, तस्वीरें और अन्य जानकारी बोर्ड को साझा करनी होगी।”
परीक्षा में पारदर्शिता के लिए बोर्ड के निर्देश
- लोकेशन और फोटो शेयरिंग:
परीक्षक को अपनी लोकेशन के साथ अपनी और लैब की तस्वीरें बोर्ड को भेजनी होंगी। यह सुनिश्चित करेगा कि परीक्षक परीक्षा स्थल पर पहुंचे हैं और वास्तविक परीक्षा प्रक्रिया हो रही है।- निरीक्षण दल की तैनाती:
जिला शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर निरीक्षण दल बनाए गए हैं, जो परीक्षा केंद्रों का नियमित निरीक्षण करेंगे।- अनधिकृत व्यक्तियों की रोकथाम:
प्रयोगशाला में अधिकृत स्टाफ के अलावा किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति को सख्ती से रोका जाएगा।- समय पर मूल्यांकन और रिपोर्टिंग:
परीक्षक को उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तीन दिनों के भीतर पूरा करना होगा और इसे सात दिनों के भीतर स्पीड पोस्ट के माध्यम से बोर्ड को भेजना होगा।
शिक्षा मंत्री के बयान का असर
19 दिसंबर 2023 को अजमेर स्थित बोर्ड कार्यालय में हुई बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रैक्टिकल परीक्षाओं में लापरवाही और बिना मूल्यांकन अंकों का वितरण गंभीर मुद्दा है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
परीक्षा की पारदर्शिता से छात्रों को लाभ
यह पहल छात्रों को निष्पक्षता के साथ अपने प्रयासों का मूल्यांकन कराने का मौका देगी। साथ ही, इससे शिक्षकों और परीक्षकों को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा।
परीक्षा के दौरान सतर्कता
परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले किसी भी प्रयास को रोकने के लिए परीक्षकों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है, तो निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला शिक्षा अधिकारी, या बोर्ड को तुरंत सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।