शोभना शर्मा। जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पर शुक्रवार को राजस्थान पर्यटन विभाग की पहल “कल्चरल डायरीज” के तीसरे संस्करण के तहत रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी रचना “रश्मिरथी” का भव्य मंचन किया गया। इस नाटक ने महाभारत के अमर पात्र कर्ण के जीवन संघर्ष, साहस और महानता को अद्वितीय ढंग से प्रस्तुत किया।
नाटक का निर्देशन युवा नाट्य निर्देशक अभिषेक मुद्गल ने किया और मंचन रंगमस्ताने नाट्य समूह द्वारा किया गया। इस प्रस्तुति ने दर्शकों को कर्ण के जीवन के संघर्ष, समाज द्वारा बार-बार अस्वीकृत किए जाने, और उनकी अद्भुत दानवीरता की मार्मिक झलकियां दिखाईं।
कर्ण के संघर्ष और साहस ने दर्शकों को भावुक किया
“रश्मिरथी” नाटक में कर्ण की कहानी को इस तरह प्रस्तुत किया गया कि हर दर्शक उसकी मानवीय संघर्ष गाथा और महाभारतकालीन संस्कृति की गहराई को समझ सके।
नाटक के संवादों ने न केवल स्थानीय साहित्य प्रेमियों को बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी गहराई से प्रभावित किया।
कर्ण के अद्वितीय दान और साहस की झलकियां मंच पर देखकर कई दर्शक भावुक हो गए।
महाभारत के इस अनदेखे पहलू ने दर्शकों को एक नई दृष्टि प्रदान की।
“कल्चरल डायरीज” के उद्देश्य और आगामी कार्यक्रम
“कल्चरल डायरीज” राजस्थान पर्यटन विभाग की एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना है।
इस पहल की शुरुआत उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर की गई है।
हर पखवाड़े आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के माध्यम से राजस्थान की कला, साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रचारित किया जा रहा है।
अगली प्रस्तुति की जानकारी
“कल्चरल डायरीज” के तहत अगली प्रस्तुति 11 जनवरी, शनिवार को होगी।
जैसलमेर के प्रसिद्ध लोक कलाकार महेशाराम और उनका दल संतों की वाणी को गायन और कवित्व शैली में प्रस्तुत करेगा।
यह प्रस्तुति राजस्थान की लोक संस्कृति और संत परंपरा से दर्शकों को रूबरू कराएगी।
नाटक की प्रस्तुति में शामिल अधिकारी और विशिष्ट व्यक्ति
इस भव्य आयोजन में राजस्थान पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक पुनीता सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
आयोजन ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रचारित करने के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों और साहित्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कर्ण की कहानी ने क्यों किया दर्शकों को प्रेरित?
कर्ण महाभारत के एक ऐसे पात्र हैं, जिनकी कहानी संघर्ष, साहस, और समाज के द्वारा बार-बार अस्वीकृत होने के बावजूद महानता की मिसाल पेश करती है।
“रश्मिरथी” नाटक ने उनकी अद्वितीय दानवीरता, आत्मबलिदान और संघर्ष गाथा को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
रामधारी सिंह दिनकर की रचना को रंगमंच पर जीवंत देखना दर्शकों के लिए अद्वितीय अनुभव था।
जयपुर में कला और साहित्य को बढ़ावा देने की पहल
जयपुर में इस तरह के कार्यक्रम न केवल स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि देश-विदेश के दर्शकों को राजस्थान की सांस्कृतिक गहराई से परिचित कराते हैं।