शोभना शर्मा। राजस्थान हाईकोर्ट ने RAS भर्ती-2023 में सहकारिता विभाग के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रखे गए पदों में आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को आरक्षण का लाभ न देने के मामले में राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को नोटिस जारी किया है। यह आदेश जस्टिस समीर जैन की अदालत ने रोहित कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिकाकर्ताओं के हित सुरक्षित रखने का निर्देश
अदालत ने न सिर्फ नोटिस जारी किया बल्कि याचिकाकर्ताओं के हित सुरक्षित रखने के भी निर्देश दिए हैं। अदालत का यह कदम यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से है कि याचिकाकर्ताओं को इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान कोई नुकसान न हो।
मामला क्या है?
याचिकाकर्ताओं के वकील मोहित खंडेलवाल ने बताया कि RAS एवं अधीनस्थ संयुक्त भर्ती परीक्षा के अंतर्गत सहकारिता विभाग में इंस्पेक्टर ग्रेड-2 के पदों पर भर्ती की जाती है। इन भर्तियों में विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए 12.5 प्रतिशत पद आरक्षित रखे गए हैं।
इन आरक्षित पदों में भी एससी (SC), एसटी (ST) और ओबीसी (OBC) के लिए आरक्षण का प्रावधान है। लेकिन RPSC ने मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करते समय केवल सामान्य कट-ऑफ (General Cut-off) जारी की। इससे विभाग के आरक्षित कर्मचारियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया।
आरक्षण का लाभ न मिलने का मुद्दा
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को उनके आरक्षण का लाभ न देना एक अनुचित और भेदभावपूर्ण प्रक्रिया है। यह नियमों और कानूनों का उल्लंघन है, जिसके खिलाफ अदालत में याचिका दायर की गई।
अदालत का नोटिस और आदेश
अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ राज्य सरकार और RPSC को नोटिस जारी किया बल्कि याचिकाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा का भी आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे को शीघ्रता से निपटाने की आवश्यकता है और दोनों पक्षों से उचित जवाब की मांग की है।
आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार और RPSC इस मामले में क्या जवाब देते हैं। यह मामला RAS भर्ती 2023 में आरक्षण नियमों के पालन से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। अगर अदालत के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही होती है, तो यह मामले में सकारात्मक परिणाम ला सकता है।