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रणथंभौर टाइगर रिजर्व बना देश की सबसे घनी बाघ आबादी वाला टाइगर रिजर्व

रणथंभौर टाइगर रिजर्व बना देश की सबसे घनी बाघ आबादी वाला टाइगर रिजर्व

शोभना शर्मा।   राजस्थान का रणथंभौर टाइगर रिजर्व, जो अपनी बाघों की गतिविधियों और खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, ने एक और नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। यह अब देश का सबसे घनी बाघ आबादी वाला टाइगर रिजर्व बन चुका है।  रणथंभौर टाइगर रिजर्व कुल 1334 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से केवल 940 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाघों का विचरण होता है। यहाँ 23 बाघ, 25 बाघिन और 18 शावक सहित कुल 66 बाघ मौजूद हैं। बाघों की यह संख्या सीमित क्षेत्र में रहने के बावजूद इसे देश का सबसे घनी आबादी वाला टाइगर रिजर्व बनाती है।

रणथंभौर टाइगर रिजर्व का क्षेत्र विभाजन

रणथंभौर को दो डिवीजन में विभाजित किया गया है, जिसमें रणथंभौर टाइगर रिजर्व प्रथम का क्षेत्रफल लगभग 1068 वर्ग किलोमीटर है। इसमें से 128 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र पालीघाट चंबल घड़ियाल का हिस्सा है। लगभग 600 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कोर एरिया कहलाता है, जबकि शेष क्षेत्र बफर एरिया के रूप में पहचाना जाता है।

रणथंभौर में एक बाघ, बाघिन के हिस्से में औसतन केवल 14.25 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आता है। यह घनत्व अन्य टाइगर रिजर्व की तुलना में अधिक है। यहाँ बाघों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी उपलब्ध है, जो इस क्षेत्र को बाघों के पर्यायवास के लिए सबसे बेहतर बनाता है।

पिछले दो साल में शावकों का जन्म

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण यहाँ जन्म लेने वाले शावकों की संख्या है। पिछले दो वर्षों में कई बाघिनों ने शावकों को जन्म दिया, जिसमें प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं:

  • 23 फरवरी 2025: बाघिन टी-122 ने 4 शावकों को जन्म दिया।
  • 12 फरवरी 2025: बाघिन RBT-103 ने कुंडेरा रेंज में 2 शावकों को जन्म दिया।
  • 9 सितंबर 2024: बाघिन सिद्धि टी-125 ने 3 शावकों को जन्म दिया (जिसमें से 1 शावक की मृत्यु हुई)।
  • 25 मई 2023: बाघिन टी-69 ने खण्डार रेंज में 2 शावकों को जन्म दिया (जिसमें से 1 शावक की मृत्यु हुई)।
  • 16 जुलाई 2023: बाघिन टी-124 ने 3 शावकों को जन्म दिया।
  • जुलाई 2023: बाघिन ऐरोहेड ने चौथी बार 3 शावकों को जन्म दिया।
  • 25 सितंबर 2023: बाघिन सुल्ताना ने 3 शावकों को जन्म दिया।

विशेषज्ञों की राय

वन्यजीव विशेषज्ञ धर्मेंद्र खांडल का कहना है कि रणथंभौर का घना बाघ आबादी वाला क्षेत्र होना इस बात का प्रमाण है कि यह बाघों के पर्यायवास के लिए उपयुक्त स्थान है। यहाँ पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी की उपलब्धता के कारण बाघों का घनत्व अन्य टाइगर रिजर्व की अपेक्षा अधिक है।

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