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रणथंभौर के अधिकारी नशे में रहते हैं: किरोड़ी मीणा

रणथंभौर के अधिकारी नशे में रहते हैं: किरोड़ी मीणा

शोभना शर्मा। राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में रणथंभौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक चौकीदार की मौत के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सोमवार सुबह एक टाइगर ने चौकीदार राधेश्याम सैनी पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों और परिजनों ने रोष में आकर सड़क जाम कर दिया और धरने पर बैठ गए।

धरना दो दिन तक चला, जिसमें प्रशासन और ग्रामीणों के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। अंततः मंगलवार शाम को कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने अपनी स्पष्ट वाणी में अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जनता को न्याय दिलाने का भरोसा दिया।

किरोड़ी मीणा का बड़ा आरोप: अधिकारी नशे में रहते हैं

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया से बातचीत में रणथंभौर के वन विभाग अधिकारियों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यहां के कई अधिकारी नशे की हालत में रहते हैं और वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि अब यह अन्याय और अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद आत्म अवलोकन कर रहे हैं और जनता के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

चौकीदार की मौत से उबाल: कैसे हुआ हादसा

सोमवार सुबह करीब 4:30 बजे रणथंभौर दुर्ग स्थित जैन मंदिर के चौकीदार राधेश्याम सैनी (60) पर टाइगर ने हमला कर दिया। टाइगर उसे झाड़ियों में घसीट ले गया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

इस घटना की खबर जैसे ही ग्रामीणों और परिजनों को मिली, उन्होंने सवाई माधोपुर-कुंडेरा रोड पर स्थित गणेश धाम तिराहे को जाम कर दिया। सुबह 9 बजे से शुरू हुआ धरना देर शाम तक चलता रहा। प्रदर्शन में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल रहीं।

धरना, वार्ता और मंत्री का हस्तक्षेप

सोमवार को जिला प्रशासन और ग्रामीणों के बीच कई बार वार्ता हुई, लेकिन आठ सूत्रीय मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। रातभर धरना जारी रहा और पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति भी बनी। मंगलवार को कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिजनों व ग्रामीणों से संवाद किया।

उन्होंने 25 लाख रुपये के मुआवजे, मृतक के परिवार को संविदा पर नौकरी और अन्य मांगों के समाधान का आश्वासन दिया। साथ ही ग्रामीणों से शांतिपूर्वक धरना समाप्त करने की अपील की, जिसे मानते हुए धरना मंगलवार शाम 5:30 बजे समाप्त कर दिया गया।

20 सदस्यीय कमेटी का गठन

डॉ. किरोड़ी मीणा ने ग्रामीणों की मांगों और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल जयपुर स्थित उनके निवास पर पहुंचेगा और वे स्वयं मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इन मांगों पर चर्चा करेंगे।

ग्रामीणों ने न सिर्फ टाइगर हमले को लेकर शिकायत दर्ज कराई बल्कि रणथंभौर नेशनल पार्क में वन विभाग की लापरवाही, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते टाइगर मूवमेंट और अधिकारी-कर्मचारियों की गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।

पोस्टमॉर्टम और शव सौंपने की प्रक्रिया

धरना समाप्त होने के बाद मंत्री ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिया कि मृतक का पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया जाए। इस निर्देश के बाद मेडिकल टीम ने पोस्टमॉर्टम किया और शव परिजनों को सौंपा गया।

स्थानीय लोगों की नाराजगी और मांगें

ग्रामीणों ने प्रशासन के समक्ष कुल आठ मांगें रखीं, जिनमें मुख्य रूप से मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी, 25 लाख का मुआवजा, टाइगर की मॉनिटरिंग में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई, पार्क के बाहर ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और वन्य जीव हमलों की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के ठोस उपाय शामिल हैं।

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