शोभना शर्मा। चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने वक्फ बिल और हिंदू-मुस्लिम संबंधों को लेकर एक अहम और विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “हमने तो हमेशा मुसलमानों का सम्मान किया है, लेकिन वही हमारा अपमान करते हैं।” साथ ही उन्होंने इतिहास के पन्नों से उदाहरण देते हुए मुगल शासक औरंगजेब पर भी गंभीर टिप्पणी की।
यह बयान उस समय आया जब रामभद्राचार्य शुक्रवार को तुलसी पीठ परिसर में मौजूद थे। उन्होंने भारत में हाल ही में पारित वक्फ बोर्ड बिल पर कहा कि यह गरीब मुसलमानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। “हम इस देश के हर वर्ग का सम्मान करते हैं। मुसलमानों के लिए यह बिल वरदान साबित हो सकता है,” उन्होंने कहा।
हालांकि, बयान यहीं तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने आगे जोड़ा, “हमने अब्दुल रहीम खानखाना को सम्मान दिया, रसखान को वृंदावन में समाधि दी, लेकिन फिर भी हमें अपमानित किया जाता है। ये दुखद है कि हम गले लगाते हैं और जवाब में तिरस्कार मिलता है।”
इतिहास का संदर्भ देते हुए, रामभद्राचार्य ने औरंगजेब को हिंदुओं का सबसे बड़ा शत्रु करार दिया। उन्होंने कहा, “औरंगजेब ने न सिर्फ हिंदुओं को मारा, बल्कि उन्हें हाथियों से कुचलवाया। उसने मंदिर तुड़वाए और लाखों निर्दोष लोगों की हत्या करवाई। ये इतिहास की सच्चाई है, जिसे कोई भी बदल नहीं सकता।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे देश में आज अच्छे लोग एक हो रहे हैं और बुरे लोग अलग हो रहे हैं। यही समय है कि सभी धर्मों के लोग आपस में संवाद करें, न कि टकराव।”
रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में धर्म के नाम पर नफरत की राजनीति बढ़ रही है, लेकिन समाज को इन भावनाओं से ऊपर उठकर काम करना होगा। “हिंदू कभी अपमान नहीं करता, वह तो सबको अपनाता है। लेकिन हमारी सहिष्णुता को कमजोरी समझा गया, जो गलत है।”
कौन हैं रामभद्राचार्य?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य भारतीय सनातन परंपरा के प्रतिष्ठित संत, विद्वान और तुलसी पीठाधीश्वर हैं। उनका असली नाम गिरिधर मिश्र है। मात्र दो माह की आयु में उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी, लेकिन फिर भी संस्कृत, वेद, उपनिषद, पुराण और रामायण में उनकी गहरी पकड़ है। वे चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) में स्थित तुलसी पीठ के संस्थापक हैं और आध्यात्मिक जगत में उनकी बातों का गहरा प्रभाव है।