मनीषा शर्मा। राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा दिए गए बयान के बाद सियासी विवाद बढ़ता जा रहा है। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे भारत के महान योद्धाओं और महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं।
राठौड़ ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपनी आत्मा को देश के दुश्मनों के हाथों बेच दिया है। वे अपने ही देश को नीचा दिखाने और अपने महापुरुषों का अपमान करने में लगे हुए हैं। उन्होंने इन लोगों को “दीमक” करार देते हुए कहा कि वे देश की जड़ों को खोखला करने का काम कर रहे हैं।
राणा सांगा: भारत के वीर योद्धा, जिन्होंने कभी हार नहीं मानी
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपने बयान में राणा सांगा की वीरता और शौर्य का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राणा सांगा राष्ट्र नायक थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में 100 से अधिक युद्ध लड़े और कभी हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि राणा सांगा के शरीर पर 80 से ज्यादा घाव थे, बावजूद इसके उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष किया। उन्होंने एक आंख, एक हाथ और एक पैर खोने के बावजूद युद्ध में कभी पीछे हटने का नाम नहीं लिया। राठौड़ ने कहा कि जो लोग राणा सांगा जैसे वीर योद्धा को गद्दार कह रहे हैं, वे राष्ट्र के सम्मान पर हमला कर रहे हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि राणा सांगा ने भारत की संस्कृति, परंपरा और अस्तित्व की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
बाबर की सेना को दी थी मात: राणा सांगा का पराक्रम
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि राणा सांगा ने बाबर की सेना को धूल चटाई थी। बाबर ने खुद अपनी आत्मकथा में लिखा था कि हार के बाद उसने अपने सैनिकों को इस्लाम के नाम पर एकजुट किया और शराब छोड़ने की कसम खाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि इतिहासकारों के अनुसार, राणा सांगा ने बाबर को भारत बुलाने का काम नहीं किया था। बल्कि, लोधी की कमजोरी का फायदा उठाने के लिए पंजाब के गवर्नर दौलत खान और इब्राहिम लोधी के चाचा आलम खान ने बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए आमंत्रित किया था।
तुष्टिकरण की राजनीति पर निशाना
राठौड़ ने समाजवादी पार्टी और इंडिया एलाइंस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए सनातन धर्म, महापुरुषों और शौर्य वीरों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कार सेवकों पर गोली चलवाने से लेकर भारतीय सेना के शौर्य पर सवाल उठाने तक, समाजवादी पार्टी और उनके सहयोगी दलों की मानसिकता हमेशा राष्ट्र विरोधी रही है।
राष्ट्र नायकों का सम्मान जरूरी
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत के वीर योद्धा हमारे लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना देश की रक्षा की और भारत के इतिहास को गौरवशाली बनाया। उन्होंने कहा कि राणा सांगा जैसे योद्धा, जिन्होंने अपने रक्त की आखिरी बूंद तक मातृभूमि के लिए संघर्ष किया, उन्हें गद्दार नहीं, बल्कि राष्ट्र नायक कहा जाना चाहिए। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि जब भी जरूरत पड़े, तो वे इन राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें।