मनीषा शर्मा। राजस्थान की वन दुर्गा प्रेम कंवर शक्तावत का नाम वाइल्डलाइफ संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल बन चुका है। प्रेम कंवर शक्तावत को राजस्थान की पहली महिला वन दुर्गा अवार्डी का खिताब मिला है। कोटा वन विभाग में सहायक वनपाल के रूप में कार्यरत प्रेम कंवर ने बीते 14 सालों में 500 से ज्यादा वन्यजीवों का रेस्क्यू किया है। उनके साहसिक कार्यों ने उन्हें भारत की इकलौती महिला क्रोकोडाइल रेस्क्यू एक्सपर्ट के रूप में पहचान दिलाई है।
साहस और समर्पण की मिसाल
प्रेम कंवर शक्तावत ने साल 2011 में वन विभाग में बतौर फॉरेस्ट गार्ड अपना करियर शुरू किया था। शुरुआती दिनों में उन्होंने कोटा के मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में पेट्रोलिंग का काम किया। उनकी कड़ी मेहनत और निडरता को देखते हुए उन्हें वर्ष 2020 में असिस्टेंट फॉरेस्टर के पद पर प्रमोशन दिया गया। शक्तावत अब तक 500 से ज्यादा जंगली जानवरों का रेस्क्यू कर चुकी हैं। इनमें 15-15 फीट लंबे मगरमच्छ, पैंथर, सांभर, हिरण, जहरीले सांप और पाइथन जैसे खतरनाक जीव शामिल हैं।
क्रोकोडाइल रेस्क्यू में भारत की इकलौती महिला एक्सपर्ट
प्रेम कंवर शक्तावत का सबसे बड़ा योगदान मगरमच्छों के रेस्क्यू में रहा है। वे भारत की पहली महिला हैं, जिन्होंने क्रोकोडाइल रेस्क्यू में विशेषज्ञता हासिल की है। उन्होंने कई बार मगरमच्छों को सुरक्षित स्थान पर छोड़ा है, जिससे क्षेत्र के लोगों को राहत मिली है।
ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड लेवल कॉन्फ्रेंस में भागीदारी
प्रेम कंवर ने अप्रैल 2024 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित वर्ल्ड क्रोकोडाइल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था। यह कॉन्फ्रेंस क्रोकोडाइल रेस्क्यू और संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले एक्सपर्ट्स के लिए आयोजित की गई थी। यहां उन्होंने अपने अनुभवों को विश्वभर के विशेषज्ञों के साथ साझा किया।
वन दुर्गा अवॉर्ड से सम्मानित
प्रेम कंवर शक्तावत को साल 2023 में राजस्थान की पहली महिला के रूप में वन दुर्गा अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवॉर्ड उन्हें असम के गुवाहाटी में आयोजित एशियाई रेंजर फोरम कॉन्फ्रेंस में वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन और रेस्क्यू के लिए दिया गया था। महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उन्हें यह सम्मान सौंपा था।
वन्य प्राणी मित्र अवॉर्ड से भी मिली पहचान
साल 2020 में प्रेम कंवर को वन्य प्राणी मित्र अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। उन्होंने सात सालों तक ऊदबिलाव के व्यवहार और गतिविधियों पर रिसर्च की और एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसके अलावा उन्होंने भैंसरोडगढ़ अभयारण्य में पक्षियों और वन्यजीवों के फुटप्रिंट पर भी अध्ययन किया था। इस रिसर्च के लिए उन्हें WWF (वाइल्ड वर्ल्ड फंड फॉर नेचर) की ओर से वन्य प्राणी मित्र अवॉर्ड के तहत दो लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी गई थी।
दुनिया के 500 रेंजर्स के साथ साझा किए अनुभव
साल 2019 में नेपाल में हुई नवी वर्ल्ड रेंजर कॉन्फ्रेंस में प्रेम कंवर ने हिस्सा लिया। यहां उन्होंने दुनियाभर के 500 रेंजर्स के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की, जो फॉरेस्ट एरिया में ड्यूटी के दौरान आती हैं।
ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान
प्रेम कंवर न केवल वन्यजीवों के रेस्क्यू में सक्रिय हैं, बल्कि उन्होंने ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाए हैं। वे स्कूलों और गांवों में जाकर लोगों को वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक करती हैं।
डर के आगे जीत है
प्रेम कंवर का कहना है – “चाहे वाइल्डलाइफ का रेस्क्यू हो या जंगल में पेट्रोलिंग, मुझे किसी चीज से डर नहीं लगता। वन्यजीवों की रक्षा करना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है।” प्रेम कंवर ने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उनके साहसिक कार्यों ने उन्हें राजस्थान की पहली वन दुर्गा अवार्डी का खिताब दिलाया है।