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राजस्थान के पहले साइबर सपोर्ट सेंटर का जयपुर में उद्घाटन

राजस्थान के पहले साइबर सपोर्ट सेंटर का जयपुर में उद्घाटन

शोभना शर्मा। डिजिटल क्रांति ने जहां हमारी जिंदगी को सुविधाजनक बनाया है, वहीं इसके साथ साइबर अपराधों का खतरा भी तेजी से बढ़ा है। इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच ने एक ओर हमारी दैनिक गतिविधियों को आसान कर दिया है, तो दूसरी ओर ऑनलाइन फ्रॉड, हैकिंग, ट्रोलिंग और साइबर बुलिंग जैसे अपराधों को भी बढ़ावा दिया है। भारत में साइबर ठगी की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, वर्ष 2024 में देशभर में 2054 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी दर्ज की गई। अकेले राजस्थान में हर साल औसतन 3000 से ज्यादा साइबर अपराधों के मामले सामने आते हैं।

इस बढ़ती चुनौती का सामना करने और नागरिकों को सुरक्षा देने के उद्देश्य से जयपुर में राजस्थान का पहला ‘साइबर सपोर्ट सेंटर’ (Cyber Support Center – CSC) शुरू किया गया है। यह सेंटर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट परिसर में एक एनजीओ और निजी संस्था के सहयोग से स्थापित किया गया है। इसका उद्घाटन शनिवार, 24 मई को राजस्थान के पुलिस महानिदेशक यू. आर. साहू और एससीआरबी के डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने किया।

वन स्टॉप साइबर क्राइसिस सेंटर के रूप में कार्य करेगा CSC

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि यह साइबर सपोर्ट सेंटर एक वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर के रूप में काम करेगा। इसका उद्देश्य उन लोगों की सहायता करना है जो साइबर अपराधों के शिकार हुए हैं। सेंटर पर आने वाले पीड़ितों को निःशुल्क कानूनी, मनोवैज्ञानिक और तकनीकी सलाह दी जाएगी। सेंटर उन्हें यह भी बताएगा कि ऐसे अपराधों से कैसे बचा जाए और यदि वे शिकार हो चुके हैं, तो उन्हें न्याय कैसे दिलाया जा सकता है।

जयपुर के विभिन्न क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। साथ ही स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जाकर छात्रों और युवाओं को साइबर खतरों से बचाव के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। सेंटर का लक्ष्य आम नागरिकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर साइबर फ्रॉड के प्रति सतर्क बनाना है।

साइबर सपोर्ट सेंटर कैसे करेगा मदद

यह सेंटर उन लोगों की मदद करेगा जो साइबर अपराधों जैसे ऑनलाइन ट्रोलिंग, साइबर स्टॉकिंग, रिवेंज पोर्न, ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबर बुलिंग आदि के शिकार हुए हैं। सेंटर की सेवाएं निम्न प्रकार से उपयोगी होंगी:

  • मनोवैज्ञानिक सहायता: इंटरनेट की लत, ऑनलाइन उत्पीड़न और साइबर अपराधों के मानसिक प्रभावों से जूझ रहे लोगों को चिकित्सकीय सहायता और काउंसलिंग प्रदान की जाएगी।

  • कानूनी मार्गदर्शन: पीड़ितों को बताया जाएगा कि वे पुलिस या साइबर सेल के पास शिकायत कैसे दर्ज करवा सकते हैं और न्याय प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है।

  • तकनीकी सलाह: जिन लोगों की सोशल मीडिया प्रोफाइल हैक हो गई है, या उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है, उन्हें तकनीकी समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे।

  • शिक्षा और प्रशिक्षण: स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से साइबर अपराधों के प्रति सतर्कता बढ़ाई जाएगी और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के गुर सिखाए जाएंगे।

  • संस्थागत समन्वय: सेंटर सरकारी एजेंसियों, कॉर्पोरेट सेक्टर और कानून प्रवर्तन इकाइयों के साथ मिलकर साइबर सुरक्षा के लिए एक मजबूत नेटवर्क तैयार करेगा।

हेल्पलाइन नंबर भी जारी

इस सेंटर से संपर्क करने के लिए दो हेल्पलाइन नंबर – 8764866039 और 8764866040 जारी किए गए हैं। ये नंबर 24×7 उपलब्ध रहेंगे और नागरिक तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे या परामर्श प्राप्त कर सकेंगे।

राजस्थान में साइबर सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम

राजस्थान में इस तरह का यह पहला प्रयास है जो सीधे तौर पर नागरिकों को साइबर अपराध से लड़ने में सहायता देगा। यह सेंटर राज्य के नागरिकों को न केवल जागरूक बनाएगा, बल्कि उन्हें साइबर अपराधों से लड़ने के लिए मानसिक और तकनीकी रूप से तैयार करेगा। आने वाले समय में इस मॉडल को अन्य जिलों में भी लागू किए जाने की योजना है ताकि पूरे राज्य में साइबर सुरक्षा का मजबूत ढांचा विकसित किया जा सके।

 

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