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राजस्थान विवेकानंद स्कॉलरशिप घोटाला: अफसरों ने अपने बच्चों को एडजस्ट करने के लिए नियम बदले

राजस्थान विवेकानंद स्कॉलरशिप घोटाला: अफसरों ने अपने बच्चों को एडजस्ट करने के लिए नियम बदले

शोभना शर्मा। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार में पहला बड़ा घोटाला सामने आया है। गरीब प्रतिभाशाली छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए चलाई जा रही विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना में अफसरों ने अपने बच्चों को एडजस्ट करने के लिए नियम बदल दिए हैं। यह घोटाला पेपर लीक के बाद छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला एक नया मामला है।

इस योजना में अफसरशाही ने गरीब छात्रों के हक को मारते हुए योजना की रैंकिंग में हेरफेर किया है। अफसरों ने क्यूएस रैंकिंग की जगह टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) की रैंकिंग लागू कर दी। कई छात्रों ने QS रैंकिंग के अनुसार जनवरी में ही आवेदन कर दिए थे, लेकिन मई 2024 में अचानक THE रैंकिंग लागू कर दी गई। इसके कारण कई छात्रों के आवेदन रद्द हो गए क्योंकि जिन विश्वविद्यालयों में उन्होंने आवेदन किया था, वे THE रैंकिंग की टॉप 150 में शामिल नहीं थे।

उच्च शिक्षा विभाग ने टॉप 25 इंजीनियरिंग विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भी हेरफेर की है। THE की वेबसाइट पर सामान्य इंजीनियरिंग फिल्टर का उपयोग कर सूची जारी की गई, जबकि THE ने स्पष्ट किया है कि वे विषयवार रैंकिंग निकालते हैं। छात्रों ने THE से संपर्क किया तो उन्होंने राजस्थान सरकार की सूची को गलत बताया।

इससे पहले अशोक गहलोत सरकार में इसी योजना का नाम राजीव गांधी स्कॉलरशिप था। उस समय भी अफसरशाही ने 30% स्कॉलरशिप अपने बच्चों को दे दी थी। भजनलाल सरकार ने योजना का नाम बदलकर विवेकानंद स्कॉलरशिप कर दिया, लेकिन घोटाले जारी रहे।

इस स्कैम ने सरकार और अफसरशाही के ऊपर सवाल खड़े कर दिए हैं और छात्रों का भविष्य खतरे में डाल दिया है।

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