शोभना शर्मा। राजस्थान में लंबे समय से बेरोजगार युवा तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आखिरकार इस परीक्षा को लेकर राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से जानकारी दी कि राजस्थान तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 समय पर आयोजित की जाएगी और इस बार करीब 7500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसमें लेवल प्रथम (Level 1) और लेवल द्वितीय (Level 2) दोनों प्रकार के शिक्षक शामिल होंगे।
RSMSSB 7 नवंबर को जारी करेगा विज्ञप्ति
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2025 की विस्तृत विज्ञप्ति 7 नवंबर को जारी की जाएगी। इसके बाद अभ्यर्थी पात्रता, विषयवार पदों की संख्या और आवेदन प्रक्रिया संबंधी सभी जानकारी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर देख सकेंगे। विज्ञप्ति जारी होने के साथ ही आवेदन की तिथि और परीक्षा कार्यक्रम का भी खुलासा किया जाएगा। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी नहीं की जाएगी और परीक्षा निर्धारित समयानुसार आयोजित होगी।
अभ्यर्थियों की उम्मीदों को झटका
राजस्थान में हजारों युवा इस परीक्षा की तैयारी वर्षों से कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें 10 से 15 हजार पदों की उम्मीद थी, लेकिन 7500 पदों की घोषणा ने उन्हें निराश कर दिया है। अभ्यर्थियों का तर्क है कि पिछले कई वर्षों से शिक्षकों के प्रमोशन नहीं हो रहे हैं, जिसके चलते लेवल द्वितीय के कई पद रिक्त पड़े हैं, लेकिन उन्हें विज्ञापन में शामिल नहीं किया गया। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि सरकार प्रमोशन प्रक्रिया को समय पर पूरा करती तो लेवल द्वितीय के करीब 5000 पद अतिरिक्त रिक्त होते और भर्ती की संख्या दोगुनी हो सकती थी।
प्रमोशन विवाद बना अड़चन
राज्य में अतिरिक्त विषयों और प्रमोशन विवाद के चलते पिछले पांच सालों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों का पदोन्नति नहीं हो पाया है। इस वजह से हजारों पद अभी भी रिक्त हैं। शिक्षकों के पदों में यह स्थायी अड़चन नई भर्ती को भी प्रभावित कर रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार को पहले इस विवाद का समाधान कर भर्ती प्रक्रिया को व्यापक बनाना चाहिए, ताकि अधिक संख्या में पद खोले जा सकें।
राजनीतिक वादे और बेरोजगारों की नाराजगी
राजस्थान के बेरोजगार युवाओं ने कहा कि चुनाव से पहले सरकार ने रोजगार को लेकर कई वादे किए थे, लेकिन अब तक उनका क्रियान्वयन नहीं हुआ। भर्ती प्रक्रिया में देरी और पदों की संख्या में कमी ने युवाओं का मनोबल कमजोर किया है। शिक्षा विभाग में लगातार बढ़ती रिक्तियों की वजह से न सिर्फ अभ्यर्थी परेशान हैं, बल्कि सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
अभ्यर्थी रेखा चौधरी का कहना है — “हम वर्षों से तैयारी कर रहे हैं। सरकार को कम से कम 15 हजार पदों पर भर्ती जारी करनी चाहिए ताकि बेरोजगार युवाओं के सपनों को पंख मिल सके।” वहीं, पाणिनी कालावत का कहना है — “घोषित पद बेहद कम हैं। सरकार को पदों की संख्या बढ़ाकर शीघ्र भर्ती की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए ताकि विद्यार्थी एक दिशा में तैयारी कर सकें।”
विशेषज्ञों का विश्लेषण
मनोविज्ञान विशेषज्ञ प्रो. संजय शास्त्री (नीमकाथाना) ने कहा — “यदि समय रहते सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों का प्रमोशन कर देती, तो लेवल द्वितीय के लगभग 5000 पद आज खाली होते। अब सरकार ने जो 7500 पद घोषित किए हैं, वे भी मुख्य रूप से संस्कृत शिक्षा के हैं। सामान्य शिक्षा के पदों की स्थिति अभी अस्पष्ट है। राज्य के बेरोजगार पहले से ही पेपर लीक और भर्ती रद्द होने की मार झेल रहे हैं। अब समय है कि सरकार ठोस निर्णय लेकर भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यापक बनाए।”
उन्होंने कहा कि दो वर्षों से जयपुर और सीकर जैसे शहरों में हजारों बेरोजगार किराए पर कमरा लेकर रह रहे हैं। उनके परिवार आर्थिक दबाव में हैं और भर्ती में देरी से युवाओं की मानसिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है।


