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राजस्थान एसआई भर्ती पेपर लीक आंदोलन 100वें दिन पर पहुँचा

राजस्थान एसआई भर्ती पेपर लीक आंदोलन 100वें दिन पर पहुँचा

शोभना शर्मा । राजस्थान में बहुचर्चित एसआई (उप निरीक्षक) भर्ती 2021 में पेपर लीक मामले को लेकर चल रहा युवाओं का आंदोलन 100वें दिन पर पहुंच गया है। यह आंदोलन राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर जारी है, जहां सैकड़ों युवा प्रतिदिन जुट रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक हनुमान बेनीवाल लगातार इस मुद्दे को सार्वजनिक मंचों से उठा रहे हैं।

‘हम न थके हैं, न रुके हैं, न झुके हैं’

शुक्रवार देर रात हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह लड़ाई लोकतांत्रिक ढंग से लड़ी जा रही है और यह संघर्ष अवश्य जीत में बदलेगा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने युवाओं के लोकतांत्रिक अधिकारों और विश्वास के साथ विश्वासघात किया है। आंदोलनकारी युवाओं ने शहीद स्मारक को तिरंगे के रंग वाले गुब्बारों से सजाकर यह संदेश दिया कि वे अपने हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे।

हाईकोर्ट में बहस पूरी, 4 अगस्त को अगली सुनवाई

एसआई भर्ती पेपर लीक के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 1 अगस्त को सुनवाई हुई थी, जिसमें याचिकाकर्ता पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि प्रश्नपत्र लीक होने के कारण भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता प्रभावित हुई है और इससे उन योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हुआ है जो ईमानदारी से परीक्षा में शामिल हुए थे। याचिकाकर्ताओं ने पूरी भर्ती को रद्द कर नई प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। हालांकि, अदालत में राज्य सरकार की ओर से अब तक जवाब पेश नहीं किया गया है। अब अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त निर्धारित की गई है, जो इस पूरे मामले में निर्णायक साबित हो सकती है।

सरकार का पक्ष: भर्ती रद्द करना हजारों के साथ अन्याय

भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का पक्ष है कि यह गड़बड़ी एक सीमित दायरे तक ही सीमित थी और पूरी भर्ती को रद्द करना उन हजारों अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा पास की है। सरकार का यह भी कहना है कि संदिग्ध अभ्यर्थियों की जांच जारी है और आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जा रही है।

हनुमान बेनीवाल का सरकार पर तीखा हमला

सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मुद्दे को लेकर बार-बार राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा, “यह धरना इस बात का प्रमाण है कि जिस सरकार को जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से सत्तासौंपी, उसने आते ही लोकतंत्र और न्याय के मूल्यों को भुला दिया। यह संघर्ष केवल परीक्षा नहीं, बल्कि युवाओं की प्रतिष्ठा और भविष्य की रक्षा की लड़ाई है। हम इसे संसद से सड़क तक उठाते रहेंगे।”

बेनीवाल का कहना है कि जब तक सरकार इस भर्ती को रद्द कर निष्पक्ष जांच नहीं कराती और दोषियों को सजा नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को समझना होगा कि यह आंदोलन सिर्फ एक पेपर लीक के खिलाफ नहीं, बल्कि संपूर्ण भर्ती प्रणाली की विश्वसनीयता की पुनःस्थापना के लिए है।

युवाओं का उत्साह, आंदोलन में बनी एकजुटता

शहीद स्मारक पर चल रहे इस लंबे आंदोलन में युवाओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। धरना स्थल पर हर दिन बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं। कई संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है। प्रदर्शनकारी युवा सरकार से तत्काल निष्पक्ष जांच, दोषियों की गिरफ्तारी और निष्कलंक अभ्यर्थियों के भविष्य की रक्षा की मांग कर रहे हैं।

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