शोभना शर्मा। राजस्थान में हुए एसआई पेपर लीक केस ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था। इस केस में राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने 16 आरोपियों को जमानत देकर एक बड़ा फैसला सुनाया। इन आरोपियों में यूनिक भांबू के भाई विवेक भांबू का नाम भी शामिल है। यूनिक भांबू राजस्थान में पेपर लीक माफिया के रूप में कुख्यात है।
हाईकोर्ट का निर्णय
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस गणेशराम की एकलपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 16 आरोपियों को जमानत दी, जबकि एक आरोपी की याचिका खारिज कर दी। जमानत पाने वाले अधिकांश आरोपी अभ्यर्थी हैं, जिन पर पेपर पढ़ने का आरोप था। इस फैसले ने जांच एजेंसी एसओजी को झटका दिया है, क्योंकि इससे केस की दिशा पर असर पड़ सकता है।
जमानत पाने वाले आरोपियों की सूची
जमानत पाने वालों में प्रियंका कुमारी, विवेक भांबू, श्रवण कुमार, सुरेंद्र बगड़िया, सुरजीत यादव, रेनू कुमारी, नरेश कुमार, अजय विश्नोई, दिनेश विश्नोई, मालाराम, गोपीराम जांगू, नारंगी कुमारी, सुभाष विश्नोई, राकेश, मंजू देवी और दिनेश कुमार शामिल हैं। वहीं, सुरेश नामक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
यूनिक भांबू का नाम कैसे जुड़ा?
यूनिक भांबू राजस्थान का एक कुख्यात नाम है, जो कई पेपर लीक मामलों में आरोपी है। उसके भाई विवेक भांबू की गिरफ्तारी ने इस केस को और चर्चित बना दिया था। विवेक पर भी पेपर लीक नेटवर्क का हिस्सा होने का आरोप है।
एसओजी की अब तक की कार्रवाई
एसओजी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 80 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से कई आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। बाकी आरोपी अभी भी जेल में हैं। इस केस में कई अभ्यर्थियों पर आरोप है कि उन्होंने लीक हुए पेपर का इस्तेमाल किया।
कोर्ट में बचाव पक्ष की दलील
आरोपियों की तरफ से अधिवक्ताओं जितेंद्र चौधरी, सुरेश खिलेड़ी, वेदांत शर्मा, दीपक चौहान और निर्भय तिवाड़ी ने पैरवी की। उनका तर्क था कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और उन्हें लंबे समय तक हिरासत में रखना उचित नहीं है।
जमानत का प्रभाव
हाईकोर्ट के इस फैसले से आरोपियों को राहत मिली है, लेकिन यह एसओजी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। जमानत मिलने के बाद अब यह देखना होगा कि जांच एजेंसी आगे क्या कदम उठाती है।
पेपर लीक मामले का असर
राजस्थान में बार-बार हो रहे पेपर लीक मामलों ने राज्य की भर्ती परीक्षाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले ने शिक्षा प्रणाली और भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।
क्या होगा आगे?
जमानत मिलने के बावजूद इस केस का अंत नहीं हुआ है। एसओजी के पास अब भी बाकी आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने और मामले को मजबूत बनाने का अवसर है।