latest-newsअजमेरजयपुरराजस्थान

राजस्थान सेकंड ग्रेड भर्ती: बसों की कमी से परीक्षार्थी परेशान

राजस्थान सेकंड ग्रेड भर्ती: बसों की कमी से परीक्षार्थी परेशान

शोभना शर्मा, अजमेर।   राजस्थान में संस्कृत शिक्षा विभाग की सेकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा शनिवार से शुरू हो रही है। सरकार ने इस परीक्षा के लिए सभी परीक्षार्थियों को फ्री रोडवेज यात्रा की सुविधा दी है, जिससे वे अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंच सकें। हालांकि, इस पहल की सराहना हो रही है, लेकिन रोडवेज बसों की भारी कमी ने हजारों छात्रों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। परीक्षार्थियों को अपने परीक्षा केंद्रों तक समय पर पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। फ्री यात्रा के लिए रोडवेज बसों की कमी के कारण, छात्रों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। जब बसें आती हैं, तो वे पहले से ही पूरी तरह भरी हुई होती हैं, जिससे छात्रों को बसों में भेड़-बकरियों की तरह ठूंसा जा रहा है।

घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रही बस

परीक्षार्थियों का कहना है कि फ्री यात्रा की घोषणा के बाद, रोडवेज बसों की मांग अचानक बढ़ गई है। कई छात्रों ने शिकायत की कि वे घंटों-घंटों तक बसों का इंतजार करते रहे, लेकिन जब बसें आईं, तो उनमें पहले से ही यात्री भरे हुए थे। कुछ स्थानों पर स्थिति इतनी खराब है कि छात्रों को चलती बस में दरवाजे पर लटककर यात्रा करनी पड़ी।

एक परीक्षार्थी की व्यथा:

“मैंने सुबह 5 बजे बस स्टैंड पहुंचकर लाइन लगाई, लेकिन 3 घंटे के इंतजार के बाद भी मुझे बस में चढ़ने का मौका नहीं मिला। जो बसें आ रही हैं, वे पहले से ही ओवरलोड हैं।”

परीक्षा केंद्र दूर होने से बढ़ी समस्या

परीक्षार्थियों को सबसे बड़ी परेशानी यह हो रही है कि उनके परीक्षा केंद्र उनके जिलों से दूर दूसरे जिलों में आवंटित किए गए हैं।

  • ऐसे में, उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

  • फ्री यात्रा की सुविधा के बावजूद, बसों की कमी के कारण उनका समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद हो रहे हैं।

  • कुछ छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर बस की छत पर बैठकर यात्रा करते नजर आए।

सरकार की पहल और व्यवस्थाओं की खामियां

राजस्थान सरकार ने फ्री रोडवेज यात्रा की घोषणा तो कर दी, लेकिन रोडवेज बसों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं की।

  • वर्तमान में रोडवेज के पास सीमित बसें हैं, जो परीक्षार्थियों की भारी भीड़ को संभालने में सक्षम नहीं हैं।

  • इस स्थिति ने सुरक्षा चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।

एक अभिभावक की राय:

“फ्री यात्रा से क्या फायदा जब बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर परीक्षा देने जा रहे हैं? सरकार को पहले व्यवस्था को सुधारना चाहिए था।”

जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे परीक्षार्थी

कई जगहों पर परीक्षार्थी बसों के अंदर जगह नहीं मिलने के कारण दरवाजे पर लटककर या छत पर बैठकर सफर करने को मजबूर हैं।
इससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। परीक्षार्थियों और उनके परिवारों ने सरकार से अपील की है कि:

  1. बसों की संख्या बढ़ाई जाए।

  2. परीक्षा केंद्रों को छात्रों के जिलों में ही आवंटित किया जाए।

  3. फ्री यात्रा के साथ-साथ छात्रों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए।

परीक्षार्थियों की सरकार से अपील

परीक्षार्थियों ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि:

  1. फ्री यात्रा के साथ पर्याप्त बसों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

  2. भीड़भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था की जाए।

  3. दूरदराज के केंद्रों के बजाय स्थानीय परीक्षा केंद्र दिए जाएं।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading