मनीषा शर्मा। राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 के परिणामों को लेकर विवाद गहरा गया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने 302 अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित कर दिया है, जिनमें से 58 अभ्यर्थियों की लिस्ट पहले ही सार्वजनिक की गई है। इन अभ्यर्थियों को फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट देने के आरोप में अपात्र करार दिया गया है। इसके अलावा, 244 ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनकी लिस्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई है, जिनमें से कई ने पहले ही पीटीआई के पद पर जॉइन भी किया था। हालांकि, इन 244 अभ्यर्थियों की लिस्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है, क्योंकि इसे गोपनीय रखा गया है। इस मामले ने राज्य में भर्ती परीक्षाओं को लेकर चल रही तमाम शंकाओं और विवादों को और बढ़ा दिया है।
कर्मचारी चयन बोर्ड की कार्रवाई और आरोप
राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 के विवाद के बाद से कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) और राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया है। बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा कि बोर्ड पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है और राज्य में भर्ती परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की धांधली या गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसओजी की जांच के दौरान यह सामने आया कि कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया था। इससे पहले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए गए थे। इन अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए अतिरिक्त समय भी दिया गया था।
बोर्ड ने सभी अभ्यर्थियों से अपने डॉक्यूमेंट को निर्धारित समय सीमा के भीतर फिर से वेरिफाई करने को कहा था, लेकिन जिन अभ्यर्थियों ने तय समय सीमा के भीतर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं कराया, उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया। आलोक राज ने बताया कि इन 58 अभ्यर्थियों की लिस्ट सार्वजनिक कर दी गई है, जबकि 244 अन्य अभ्यर्थियों की लिस्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई है, जिनमें कई ऐसे भी हैं, जो पहले ही पीटीआई के पद पर कार्यरत थे। इन अभ्यर्थियों के दस्तावेज पूरी तरह से गलत पाए गए, जिसके कारण अब इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिकायतों का आधार और फर्जी डिग्री मामले में जांच
राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 के मामले में कई शिकायतें सामने आई थीं। एसओजी की जांच में यह पाया गया कि कई अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्री, सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज़ प्रस्तुत किए थे। पीटीआई भर्ती परीक्षा के लिए दस्तावेजों का सत्यापन बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, और इस बार बोर्ड ने इस प्रक्रिया को बहुत सख्ती से लागू किया था। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ पूरी तरह से गलत पाए गए थे, जिनके खिलाफ जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है। यही कारण है कि राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा इन अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित किया गया है। इसके अलावा, बोर्ड ने 100 अन्य मामलों की भी जांच शुरू की है, और यदि इनमें से किसी के दस्तावेज़ भी फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारी चयन बोर्ड की पारदर्शिता और अगले कदम
आलोक राज ने कहा कि कर्मचारी चयन बोर्ड पारदर्शिता को प्राथमिकता देता है और राज्य में भर्ती प्रक्रिया को साफ और निष्पक्ष बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में जितने भी फर्जी दस्तावेज़ पेश किए गए हैं, उनके खिलाफ पूरी जांच की जाएगी और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में ऐसे मामले न हों, एक मजबूत सिस्टम तैयार किया है, जिससे भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके। राज्य में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस तरह के कदम उठाना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर जब सरकारी विभागों में भर्ती के लिए लाखों युवाओं की उम्मीदें जुड़ी होती हैं। इसके बावजूद, कर्मचारियों द्वारा दस्तावेज़ों के फर्जी होने के मामले सामने आना न केवल उम्मीदवारों के लिए एक बुरी खबर है, बल्कि यह राज्य की भर्ती प्रक्रिया के विश्वास को भी कमजोर करता है।
शिक्षा विभाग और आगे की कार्रवाई
बोर्ड ने 244 अपात्र अभ्यर्थियों की लिस्ट शिक्षा विभाग को भेज दी है, जिनमें से कई अभ्यर्थी पहले ही जॉइन कर चुके थे। इन अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश शिक्षा विभाग से की गई है, ताकि ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जा सकें। शिक्षा विभाग अब इन अभ्यर्थियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा। इसके अलावा, कर्मचारी चयन बोर्ड ने यह भी कहा है कि 100 अन्य मामलों की जांच अभी भी चल रही है। बोर्ड ने यह सुनिश्चित करने के लिए जांच प्रक्रिया को तेज़ किया है, ताकि जल्द से जल्द मामलों का निपटारा किया जा सके।
राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
राजस्थान में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस तरह की कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। पीटीआई भर्ती परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ फर्जी पाए गए हैं, उन्हें न केवल अपात्र घोषित किया जाना चाहिए, बल्कि उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों का पुनरावृत्ति न हो सके।
कर्मचारी चयन बोर्ड की यह जांच प्रक्रिया राज्य में अन्य भर्ती परीक्षाओं के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सरकारी विभागों में भर्ती निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो, सभी संबंधित अधिकारियों को सख्ती से काम करना होगा।