मनीषा शर्मा। सोमवार को राजस्थान पुलिस मुख्यालय, जयपुर में अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था और आधुनिक तकनीकों के उपयोग को लेकर दिनभर चली उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इस बैठक की अध्यक्षता डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने की। बैठक में सभी रेंजों के आईजी, जयपुर व जोधपुर कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त, रेंज प्रभारी और मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सुबह 11:30 बजे शुरू हुई यह बैठक देर शाम तक चली, जिसमें अपराध के आंकड़े, लंबित मामलों की स्थिति और तकनीकी नवाचारों के जरिए पुलिसिंग को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई।
लंबित मामलों के निस्तारण पर जोर
डीजीपी शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लंबित मामलों का प्राथमिकता से निस्तारण करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि केवल अपराध दर में कमी लाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि अनुसंधान की गुणवत्ता और पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता भी उतनी ही आवश्यक है। डीजीपी ने यह भी कहा कि पुलिस का कर्तव्य केवल अपराध रोकना नहीं, बल्कि आमजन की समस्याओं का समयबद्ध समाधान करना भी है। इस दौरान अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर रेंज की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की गई।
एआई (AI) से अनुसंधान होगा मजबूत
बैठक के दूसरे सत्र में तकनीक आधारित पुलिसिंग पर विशेष जोर दिया गया। एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने स्मार्ट पुलिसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की उपयोगिता पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि एआई की मदद से दोषमुक्ति के फैसलों का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे अनुसंधान में रह जाने वाली कमियों का पता लगाया जा सके। इन कमियों को दूर करने से न केवल गुणवत्ता पूर्ण अनुसंधान होगा बल्कि अपराधियों को सजा दिलाने की संभावना भी बढ़ेगी।
ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा पर ध्यान
बैठक में एडीजी ट्रैफिक लता मनोज ने राज्य में सड़क सुरक्षा और नए यातायात नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों की कठोर पालना से सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकती है। इस दौरान जयपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने लेन ड्राइविंग को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। लेन ड्राइविंग सिस्टम को लागू करने के प्रयासों की बैठक में विशेष प्रशंसा की गई।
साइबर अपराध और डिजिटल सुरक्षा
बैठक में साइबर अपराध और डिजिटल सुरक्षा पर भी गहन चर्चा हुई।
आईजी एससीआरबी अजय लांबा,
आईजी सतर्कता प्रफुल्ल कुमार,
डीआईजी साइबर अपराध विकास शर्मा
ने इस विषय पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं। अधिकारियों ने बताया कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए पुलिस को राष्ट्रीय डेटा नेटवर्क से बेहतर समन्वय और आधुनिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
अधिकारियों के सुझाव और आगे की राह
बैठक के अंत में डीजीपी स्तर के अधिकारियों और एडीजी ने अपने-अपने सुझाव साझा किए। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि:
तकनीक आधारित पुलिसिंग को प्राथमिकता दी जाए।
पुलिस प्रशिक्षण की निरंतरता बनाए रखी जाए।
आमजन के साथ संवाद बढ़ाकर विश्वास मजबूत किया जाए।
डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि राजस्थान पुलिस को आधुनिक समय की चुनौतियों के अनुसार खुद को ढालना होगा। अपराध की रोकथाम और निस्तारण के साथ-साथ पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता ही पुलिसिंग की असली सफलता है।


