मनीषा शर्मा। राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती 2024 (Junior Instructor Recruitment 2024) के परिणाम पर सुनवाई पूरी होने तक अस्थायी रोक (Stay Order) लगा दी है। यह आदेश जस्टिस मनीष शर्मा की एकल पीठ ने जारी किया। अदालत ने यह फैसला बृजेश राठौड़ एवं अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया।
नियम विरुद्ध नियुक्ति का आरोप
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आर.के. गौतम ने दलील दी कि इस भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप और इंजीनियरिंग ड्राइंग (Workshop & Engineering Drawing) ट्रेड की रिक्तियों पर अन्य ट्रेड के अभ्यर्थियों को चयनित कर नियुक्ति दी जा रही है। यह कार्रवाई नियम विरुद्ध है और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (DGT) के नियमों का उल्लंघन करती है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि यदि भर्ती में इस तरह की त्रुटियां जारी रहीं तो वास्तविक योग्य उम्मीदवार, जिनके पास संबंधित ट्रेड का प्रमाण पत्र है, उन्हें नौकरी से वंचित होना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि पारदर्शिता और समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ है।
विभाग का पक्ष और कोर्ट की नाराजगी
याचिका पर सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से जवाब दाखिल किया गया। विभाग ने तर्क दिया कि अन्य ट्रेड के अभ्यर्थियों को इस भर्ती में शामिल करना इसलिए उचित है क्योंकि वे विषय की आवश्यकताओं के अनुरूप योग्य माने जा सकते हैं। विभाग ने यह भी कहा कि यह कदम भर्ती प्रक्रिया को व्यापक और लचीला बनाने के लिए उठाया गया है।
हालांकि, कोर्ट विभाग की इस दलील से संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि डीजीटी के नियमों में स्पष्ट तौर पर संबंधित ट्रेड की आवश्यकता बताई गई है, तो फिर अन्य ट्रेड के अभ्यर्थियों को शामिल करना नियमों का उल्लंघन होगा। अदालत ने विभाग को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में विस्तृत और ठोस जवाब पेश करें।
नियुक्ति फिलहाल रोकी गई
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि भर्ती प्रक्रिया से संबंधित नियुक्तियां फिलहाल याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी। यानी, जब तक इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी।
अभ्यर्थियों में बढ़ी चिंता
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया में शामिल हजारों अभ्यर्थियों में चिंता और असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। जिन अभ्यर्थियों ने वर्कशॉप और इंजीनियरिंग ड्राइंग ट्रेड में मेहनत और योग्यताओं के आधार पर आवेदन किया था, वे राहत महसूस कर रहे हैं कि न्यायालय ने उनकी आवाज सुनी है। वहीं, जिन अभ्यर्थियों को अन्य ट्रेड से अवसर मिला था, उनके लिए यह फैसला एक झटका साबित हुआ है।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग
कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती 2024 लंबे समय से विवादों में रही है। अभ्यर्थियों का मानना है कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि योग्य उम्मीदवारों का भविष्य सुरक्षित रहे। कई अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि सरकार और विभाग को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने चाहिए, जिससे इस तरह की स्थिति बार-बार न बने।
अगली सुनवाई तक इंतजार
हाईकोर्ट ने विभाग को स्पष्ट किया है कि अगली सुनवाई में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद ही अदालत आगे का निर्णय लेगी। फिलहाल, अदालत के आदेश से यह संदेश गया है कि नियम विरुद्ध तरीके से किसी भी उम्मीदवार को चयनित करना न्यायपालिका बर्दाश्त नहीं करेगी।


