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राजस्थान सरकार पर कर्ज का बोझ: 68 हजार करोड़ पार, योजनाएं ठप!

राजस्थान सरकार पर कर्ज का बोझ: 68 हजार करोड़ पार, योजनाएं ठप!

मनीषा शर्मा । राजस्थान सरकार पर कर्ज का बोझ बेतहाशा बढ़ गया है। बीते एक साल में 68 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजटीय कर्ज हो चुका है। इसके अलावा, बोर्ड और कॉर्पोरेशन को गिरवी रखकर हजारों करोड़ रुपये बाजार से उठाए गए हैं। लेकिन, इतने भारी कर्ज के बावजूद भी खजाना खाली है।

इस कर्ज के बोझ के कारण प्रदेश में पंचायतों से लेकर अस्पतालों में फ्री इलाज जैसी सरकारी योजनाएं ठप पड़ गई हैं। हजारों करोड़ रुपये का भुगतान न होने के कारण योजनाएं संचालित नहीं हो पा रही हैं।

इन दिनों सरकारी विभागों की तरफ से वित्त मार्गोपाय विभाग को लगातार चिट्ठियां लिखी जा रही हैं। यह योजनाओं के बकाया भुगतान को लेकर है। भुगतान एक-दो माह का नहीं, बल्कि लंबे अरसे से लंबित है। विडंबना यह है कि जुलाई में प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार नया बजट पेश करने जा रही है, लेकिन हजारों करोड़ रुपये की पुरानी पेंडेंसी चुकने का नाम नहीं ले रही।

बकाया भुगतान की सूची:

  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन: अप्रैल का 1000 करोड़ रुपये, जनवरी-मार्च का 800 करोड़ रुपये, जून का 1000 करोड़ रुपये (अभी आना बाकी)
  • पंचायतें: 2022 से भुगतान रुका हुआ, 3400 करोड़ रुपये पेंडिंग
  • आरजीएचएस: 500 करोड़ रुपये, दवा और इलाज प्रभावित
  • राइट टू एजुकेशन: 200 करोड़ रुपये, गरीब बच्चों के स्कूलों में एडमिशन प्रभावित
  • अन्नपूर्णा योजना: 1000 करोड़ रुपये
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