शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने राज्य के आम नागरिकों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य नीति में सुधार और सुविधा विस्तार की प्रक्रिया लगातार तेज हो रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार अब एक्स-रे जांच के लिए ‘फ्री वाउचर योजना’ लागू करने जा रही है, जिसके तहत मरीज निजी सेंटर पर निशुल्क एक्स-रे जांच करवा सकेंगे।
एक्स-रे सुविधा की भारी कमी
राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की आधारभूत संरचना अब भी कई चुनौतियों से जूझ रही है। हाल ही में राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा कराए गए एक सर्वे में यह सामने आया कि प्रदेश के 204 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और 8 सैटेलाइट हॉस्पिटल्स में एक्स-रे जैसी मूलभूत जांच सुविधा ही उपलब्ध नहीं है।
इन संस्थानों में न तो एक्स-रे मशीनें हैं और न ही प्रशिक्षित तकनीशियन या निर्धारित भवन। परिणामस्वरूप, मरीजों को मजबूरी में निजी प्रयोगशालाओं का सहारा लेना पड़ता है, जहां जांच के लिए आर्थिक बोझ उठाना उनकी जेब पर भारी पड़ता है।
फ्री वाउचर मॉडल क्या है?
राज्य सरकार फ्री वाउचर मॉडल को पहले से ही गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच के लिए प्रयोग कर रही है। यदि किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), CHC या उपजिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन नहीं है, तो महिला को सरकारी वाउचर जारी किया जाता है। इस वाउचर के माध्यम से वह निजी सेंटर पर बिना शुल्क के जांच करवा सकती है।
अब सरकार इसी मॉडल को एक्स-रे जांच के लिए भी अपनाने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि अगर सरकारी अस्पताल में संसाधन नहीं हैं, तो मरीज को निजी सेंटर पर उसी सुविधा का लाभ सरकारी खर्चे पर उपलब्ध करवाया जा सके।
किन मामलों में एक्स-रे है जरूरी?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एक्स-रे जांच की आवश्यकता विशेष रूप से निम्नलिखित स्थितियों में होती है:
महिलाओं की डिलीवरी से जुड़ी जटिलताएं
सांस संबंधी बीमारियां
हड्डियों की चोटें या फ्रैक्चर
ट्रॉमा केस
छोटे-बड़े ऑपरेशन से पहले की जांच
सरकारी अस्पतालों में इन जरूरतों को पूरा न कर पाने के कारण, खासतौर पर ग्रामीण और दूरदराज़ के मरीजों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग?
राज्य के स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जब निजी सेंटर एक छोटे से कमरे में एक्स-रे सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं, तो सरकारी सीएचसी स्तर पर भी यह संभव है। लेकिन जब तक संसाधन नहीं हैं, तब तक मरीजों को राहत देने के लिए यह फ्री वाउचर योजना प्रभावी समाधान हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना को लागू करने के लिए प्रारंभिक वित्तीय और प्रशासनिक स्तर पर मंथन शुरू कर दिया है। जल्द ही योजना की प्रक्रिया, पात्रता और सेंटर चयन की गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।
योजना के संभावित लाभ
ग्रामीण मरीजों को राहत:
जिन इलाकों में सरकारी एक्स-रे सुविधा नहीं है, वहां के मरीजों को निजी सेंटर पर निशुल्क जांच मिल सकेगी।स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी:
वाउचर प्रणाली के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचेंगी, जहां अभी सुविधाएं सीमित हैं।सरकारी अस्पतालों पर बोझ कम होगा:
निजी सेंटरों को शामिल कर स्वास्थ्य सेवाओं का बोझ साझा किया जा सकेगा।सस्ती और सुलभ जांच:
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग बिना किसी शुल्क के आवश्यक जांच करा सकेगा।
भविष्य की योजना
सरकार का इरादा है कि इस योजना को पहले पायलट मॉडल के रूप में कुछ जिलों में लागू किया जाए और फिर उसे पूरे राज्य में विस्तारित किया जाए। योजना के तहत राज्य के मान्यता प्राप्त निजी सेंटरों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जो निर्धारित दर पर एक्स-रे सुविधा उपलब्ध कराएंगे। इसके बदले उन्हें सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा।