मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार को सिलिकोसिस बीमारी के निदान और राहत के लिए टेली-रेडियोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के अभिनव उपयोग के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस (गोल्ड) पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार 27वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में मंगलवार को मुंबई में प्रदान किया गया। सरकार ने सिलिकोसिस रोग के निदान को आसान और तेज़ बनाने के लिए एक उन्नत आईटी समाधान विकसित किया है, जो डिजिटल एक्स-रे, टेली-रेडियोलॉजी, और AI एल्गोरिदम का उपयोग करता है।
सिलिकोसिस निदान और राहत में क्रांतिकारी परिवर्तन
राजस्थान सरकार ने सिलिकोसिस के निदान के लिए एक उन्नत AI मॉडल विकसित किया है, जिसे 29,000 से अधिक लेबल किए गए छाती एक्स-रे के व्यापक डेटासेट पर प्रशिक्षित किया गया है। यह मॉडल एक्स-रे में स्वचालित रूप से सिलिकोसिस का पता लगाने में सक्षम है। इस तकनीक ने रोगियों की सटीक पहचान को तेज और आसान बना दिया है, जिससे उन्हें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) स्व-अनुमोदन पोर्टल के माध्यम से सीधा वित्तीय सहायता प्राप्त हो रही है। इस नवाचार ने कई प्रशासनिक प्रक्रियाओं की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है और प्रभावित व्यक्तियों को समय पर राहत प्रदान की है।
समय पर राहत और सम्मान की गारंटी
सिलिकोसिस से प्रभावित रोगी अब DBT स्व-अनुमोदन पोर्टल के माध्यम से सीधे अपने बैंक खातों में वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इस तकनीक ने प्रक्रिया को सरल और अधिक प्रभावी बना दिया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि नागरिकों को समय पर और सम्मानजनक सार्वजनिक सेवाएं मिलें। इस पहल ने सार्वजनिक प्रशासन में पारदर्शिता और निष्पक्षता के नए मानक स्थापित किए हैं, जो राजस्थान सरकार की नागरिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुति
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने सम्मेलन के दौरान सिलिकोसिस के निदान में डिजिटल चेस्ट एक्स-रे और AI के उपयोग पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने इस पुरस्कार को राज्य सरकार की निष्पक्षता, समानता, और न्याय के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह पुरस्कार डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में राजस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है, जो नागरिकों को सशक्त बनाता है और पारदर्शिता बढ़ाता है।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार
भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार ई-गवर्नेंस नवाचारों के कार्यान्वयन में उत्कृष्टता को पहचानने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों के लिए सभी केंद्रीय मंत्रालय, राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, और अन्य संबंधित संस्थान आवेदन कर सकते हैं।
राजस्थान की डिजिटल पहचान
डॉ. समित शर्मा को पहले भी ई-औषधि सॉफ्टवेयर के विकास के लिए राज्य आईटी पुरस्कार और कम लागत वाली जेनेरिक दवा योजना के लिए प्रधान मंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस नवीनतम सम्मान के साथ, राजस्थान सरकार ने सिलिकोसिस निदान में राष्ट्रीय मानक स्थापित कर दिए हैं, जो देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए एक आदर्श बन सकता है।