शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने पीटीआई (शारीरिक शिक्षक) भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले 134 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। गुरुवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं। विशेष जांच के बाद सरकार ने इन फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों को हटाने का निर्णय लिया है।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस घोटाले में शामिल दोषियों से वसूली भी की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरतेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
स्पेशल ऑपरेशन टीम की रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई
राजस्थान सरकार को स्पेशल ऑपरेशन टीम (SOT) द्वारा 243 शारीरिक शिक्षकों की संदिग्ध भर्ती की रिपोर्ट सौंपी गई थी। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कांग्रेस सरकार के समय हुई पीटीआई भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी।
शिक्षा विभाग ने प्राथमिक जांच के बाद 134 शिक्षकों को बर्खास्त करने का फैसला लिया। इसके अलावा, 243 अभ्यर्थियों में से 19 को अपॉइंट ही नहीं किया गया था, जबकि 10 अभ्यर्थियों ने जॉइनिंग नहीं की थी। वहीं, 33 अभ्यर्थी पहले ही कोर्ट से स्टे ले चुके हैं, जिनके खिलाफ विभाग कानूनी लड़ाई लड़ेगा।
शिक्षा विभाग के 5 अधिकारी भी बर्खास्त, 30 निलंबित
इस घोटाले में शामिल सरकारी अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है। शिक्षा विभाग ने पीटीआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में शामिल पाए गए ओम प्रकाश बिश्नोई को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही विभाग के 5 अन्य कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाल दिया गया है।
इतना ही नहीं, जांच के दौरान 30 अन्य कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, जिनकी जांच जारी है। इनके अलावा, 47 कर्मचारियों पर भी नियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
आने वाले समय में अन्य शिक्षकों की भी होगी जांच
मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा विभाग भविष्य में अन्य शिक्षकों की भी जांच करेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी ने फर्जी डिग्री या जाली दस्तावेजों के आधार पर तो नौकरी हासिल नहीं की है। यदि किसी शिक्षक के खिलाफ सबूत मिलते हैं, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है—शिक्षा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। योग्य और मेहनती अभ्यर्थियों को ही नौकरी मिले, इसके लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा? जानिए पूरा मामला
साल 2022 में राजस्थान में 5546 शारीरिक शिक्षकों (PTI) के पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती के लिए 12वीं पास और शारीरिक शिक्षा में प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) या डिप्लोमा अनिवार्य था।
जब भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई, तो चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच की गई। इसी दौरान कई गड़बड़ियां सामने आईं—
321 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में विसंगतियां पाई गईं।
जांच में पता चला कि कुछ अभ्यर्थियों ने केवल 8वीं तक की पढ़ाई की थी, फिर भी उन्हें भर्ती दे दी गई थी।
243 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल कर ली थी।
इन फर्जी दस्तावेजों की लिस्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
सरकार का सख्त रुख: दोषियों को मिलेगी कड़ी सजा
राजस्थान सरकार की यह कार्रवाई शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि आगे भी सरकारी नौकरियों में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। यदि किसी अन्य भर्ती प्रक्रिया में भी गड़बड़ी पाई जाती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य में पारदर्शी भर्ती के लिए उठाए जाएंगे कदम
राजस्थान सरकार अब यह सुनिश्चित करने की योजना बना रही है कि भविष्य में किसी भी भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की गड़बड़ियां न हों। इसके लिए भर्ती परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।