शोभना शर्मा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को प्रस्तुत किए गए बजट में मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण आयकर राहत की घोषणा की है। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा, जिससे राजस्थान के विभिन्न वर्गों, जैसे मोचड़ी विक्रेता, कचौड़ी विक्रेता, निजी शिक्षक, और अन्य फुटकर व्यापारी, को सीधा लाभ मिलेगा।
आयकर स्लैब में बदलाव:
नए आयकर स्लैब के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। 12 से 15 लाख रुपये की आय पर 15% कर, 15 से 20 लाख रुपये पर 20% कर, और 20 से 25 लाख रुपये की आय पर 25% कर निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) 75,000 रुपये तय की गई है, जो कर योग्य आय को कम करने में मदद करेगी। बुजुर्गों को भी आयकर में छूट प्रदान की गई है, और टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है।
राजस्थान के लिए लाभ:
राजस्थान की टैक्सटाइल, पर्यटन, और ज्वैलरी उद्योगों को भी इस कर राहत से लाभ होगा। मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ने से उपभोक्ता मांग में वृद्धि होगी, जिससे इन उद्योगों में व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।
विशेषज्ञों की राय:
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। आयकर में दी गई राहत से आम आदमी की जेब पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे उनकी बचत और खर्च करने की क्षमता में वृद्धि होगी। यह कदम उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने में सहायक होगा।