शोभना शर्मा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को रेलवे के निजीकरण को लेकर चल रही अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा, बल्कि इसका ध्यान सभी यात्रियों को किफायती, सुरक्षित और आरामदायक सेवा प्रदान करने पर है। रेल मंत्री ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग 400 रुपये से कम खर्च में 1,000 किलोमीटर तक की यात्रा आराम से कर सकें।” उन्होंने आगे कहा कि रेलवे राष्ट्रीय परिवहन सेवा प्रदाता के रूप में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे का कायाकल्प किया जा रहा है और आने वाले वर्षों में इसमें बड़े सुधार देखने को मिलेंगे।
रेलवे का होगा पूरा कायाकल्प
रेल मंत्री वैष्णव ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि अगले पांच वर्षों में रेलवे का पूर्ण कायाकल्प होगा। उन्होंने कहा, “यह रेलवे के परिवर्तन का युग है। वंदे भारत और नमो भारत जैसी उन्नत ट्रेनें और कवच ट्रेन सुरक्षा तंत्र की तैनाती इस बदलाव की दिशा में प्रमुख कदम होंगे।”कवच प्रणाली को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए उन्होंने बताया कि यह तकनीक रेलगाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। इससे रेल यात्रा और भी सुरक्षित और आरामदायक होगी। इसके साथ ही, वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेनों के संचालन से यात्रा का अनुभव और बेहतर होगा।
रेलवे के निजीकरण की अफवाहें गलत
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि रेलवे भारत की रीढ़ है और इसे किसी भी प्रकार की राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनिश्चित किया है कि रेलवे का राजनीतिकरण बंद हो, और अब ध्यान पूरी तरह से प्रदर्शन, सुरक्षा और तकनीकी उन्नयन पर है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे निजीकरण की अफवाहों पर ध्यान न दें और रेलवे को उसकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने दें। उनका कहना था कि रेलवे का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को सस्ती और प्रभावी परिवहन सेवा प्रदान करना है, और इस दिशा में सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
रेलवे के विकास में हो रहे बड़े निवेश
रेल मंत्री ने रेलवे के बढ़ते बजट और पटरियों के विस्तार की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रेलवे का बजट 2.5 लाख करोड़ रुपये है, और पिछले 10 वर्षों में 31,000 किलोमीटर नयी पटरियां बिछाई गयी हैं, जो कि फ्रांस के रेल नेटवर्क से भी अधिक है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ते निवेश का उद्देश्य रेलवे को तकनीकी और सेवा के लिहाज से वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। इससे न सिर्फ यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि भारत के विकास के इंजन के रूप में रेलवे की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी।
आरपीएफ का उन्नयन
रेल मंत्री ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि इसकी सेवाओं को और उन्नत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आरपीएफ के क्षेत्रीय केंद्रों के उन्नयन के लिए 35 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। साथ ही, सेवा नियमों और पदोन्नति से संबंधित मांगों पर भी विचार किया जा रहा है। आरपीएफ की सुरक्षा और सेवा दोनों में सुधार के लिए उठाए गए ये कदम रेलवे के भीतर सुरक्षा की एक नई परिभाषा तय करेंगे और यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद यात्रा अनुभव प्रदान करेंगे।
रेलवे के निजीकरण को लेकर उठ रही अफवाहों को खारिज करते हुए अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि रेलवे का उद्देश्य देशवासियों को किफायती और सुरक्षित यात्रा प्रदान करना है। अगले पांच वर्षों में रेलवे का व्यापक कायाकल्प होगा, जिसमें आधुनिक ट्रेनें, उन्नत सुरक्षा तंत्र और तकनीकी सुधार शामिल होंगे। यह कदम रेलवे को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने और देश के विकास में उसकी भूमिका को और सशक्त करने की दिशा में हैं।