मनीषा शर्मा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले 10 दिनों में तीसरी बार भारत के चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है। शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एनुअल लीगल कॉन्क्लेव 2025 में राहुल ने कहा कि “भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है” और उनके पास यह साबित करने के पूरे सबूत हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में किस तरह से धांधली हुई और कैसे प्रधानमंत्री मोदी कम बहुमत के बावजूद सत्ता में लौटे। राहुल गांधी ने दावा किया कि यदि 10-15 लोकसभा सीटों पर धांधली नहीं होती, तो मौजूदा प्रधानमंत्री फिर से चुनकर नहीं आते। यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग पहले ही उनके बयानों को “निराधार और गैरजिम्मेदाराना” कहकर खारिज कर चुका है।
राहुल गांधी ने लगाए चार गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने इस भाषण में चार प्रमुख आरोप लगाकर चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल उठाया:
भाजपा की जीत पर शक:
राहुल ने कहा कि उन्हें 2014 से ही चुनाव प्रणाली पर संदेह रहा है। उन्होंने कहा कि “भाजपा की भारी जीत अस्वाभाविक थी। मैं बिना सबूत के कुछ नहीं कहता, लेकिन अब मेरे पास ऐसे सबूत हैं जिनसे मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं।”महाराष्ट्र में मतदाता बढ़ोतरी का संदेह:
राहुल ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत के बाद जब विधानसभा चुनाव हुए, तो कांग्रेस पूरी तरह हार गई। उन्होंने दावा किया कि “महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़े, और ये ज्यादातर वोट भाजपा को मिले।”संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे का आरोप:
उन्होंने कहा कि “संविधान की रक्षा करने वाली संस्था को मिटा दिया गया है और उस पर पूरी तरह कब्जा हो गया है। अब चुनाव आयोग जैसी संस्था का अस्तित्व ही नहीं है।”वोटर लिस्ट पर स्कैन प्रोटेक्शन:
राहुल ने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग मतदाता सूची को स्कैन या कॉपी नहीं करने देता। “आखिर मतदाता सूची को स्कैन और कॉपी प्रोटेक्शन क्यों दिया गया है? पारदर्शिता का दावा करने वाली संस्था ऐसा क्यों करती है?”
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया। आयोग ने कहा कि: “हम ऐसे निराधार और गैर-जिम्मेदार बयानों को नजरअंदाज करते हैं। सभी चुनाव अधिकारी स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे।” आयोग ने यह भी कहा कि धमकियों और दबावों के बावजूद चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को बरकरार रखा जाएगा।
राहुल गांधी की पिछली दो तीखी टिप्पणियां
1 अगस्त 2025: 100% प्रमाण का दावा
राहुल गांधी ने कहा, “मैं यह बात पूरी जिम्मेदारी और सबूतों के साथ कह रहा हूं। हम जल्द ही प्रमाण प्रस्तुत करेंगे, जिससे देश को पता चलेगा कि भाजपा के पक्ष में वोट चुराए गए हैं। हमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और लोकसभा चुनावों में यह संदेह रहा है।”
24 जुलाई 2025: कर्नाटक में गड़बड़ी का आरोप
राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक सीट का हवाला देते हुए कहा कि वहां 18 वर्ष से ऊपर के वास्तविक वोटरों को हटा दिया गया और 50-60 वर्ष के हजारों फर्जी नाम जोड़े गए। उन्होंने चेतावनी दी, “जो लोग सोचते हैं कि वे बच जाएंगे, वे गलतफहमी में हैं। हम उन्हें बच निकलने नहीं देंगे।”
बिहार वोटर वेरिफिकेशन विवाद
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के निशाने पर बिहार में चल रही वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया भी है। संसद के अंदर और बाहर विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। इसी बीच, चुनाव आयोग ने 1 अगस्त 2025 को बिहार की नई वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी किया।
मतदाता संख्या में भारी गिरावट
वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के अनुसार:
पहले बिहार में कुल मतदाता थे: 7.89 करोड़
अब घटकर हो गए हैं: 7.24 करोड़
यानी करीब 65 लाख मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
हटाए गए नामों के पीछे का कारण
चुनाव आयोग के मुताबिक, हटाए गए नामों में शामिल हैं:
22 लाख मृतक मतदाता
36 लाख अन्य राज्यों या स्थानों पर स्थानांतरित
7 लाख ऐसे नागरिक जो अब अन्य क्षेत्र के स्थायी निवासी बन चुके हैं।
विशेष अभियान SIR की प्रक्रिया
SIR (Special Intensive Revision) अभियान 24 जून 2025 से शुरू हुआ और 25 जुलाई 2025 को समाप्त हुआ। इसका उद्देश्य था:
फर्जी, दोहराए गए और स्थानांतरित वोटरों को हटाना
योग्य नए वोटरों को जोड़ना
इस अभियान के अंतर्गत 7.24 करोड़ मतदाताओं से फॉर्म भरवाए गए और 99.8% कवरेज हासिल की गई।