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पुष्कर मेला 2025: 22 अक्टूबर से 7 नवंबर तक रहेगा आयोजन, नहीं मिलेंगे VIP पास

पुष्कर मेला 2025: 22 अक्टूबर से 7 नवंबर तक रहेगा आयोजन, नहीं मिलेंगे VIP पास

मनीषा शर्मा। राजस्थान का ऐतिहासिक और विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला इस बार 22 अक्टूबर से शुरू होकर 7 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी देश-विदेश से हजारों पर्यटक, श्रद्धालु और पशुपालक इस मेले में शामिल होंगे। प्रशासन ने इसकी तैयारियां पूरी गति से शुरू कर दी हैं।

इस बार मेले में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। सबसे अहम यह कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अब VIP पास जारी नहीं किए जाएंगे। प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जो पहले पहुंचेगा, उसे पहले सीट मिलेगी। यानी अब आमजन को भी समान अवसर मिलेगा और किसी को विशेषाधिकार नहीं मिलेगा।

सुरक्षा के सख्त इंतजाम — 3000 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात

मेले में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए लगभग 3000 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। अतिरिक्त एसपी दीपक कुमार ने बताया कि कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा (1 से 6 नवंबर) तक अजमेर-पुष्कर मार्ग वन-वे रहेगा। सभी सरकारी और मेला ड्यूटी में लगे निजी वाहनों के लिए अलग-अलग पास जारी होंगे, जिन पर क्यूआर कोड होगा ताकि उनका दुरुपयोग न हो सके।

इस बार पुष्कर सरोवर में 70 सालों में सबसे अधिक पानी है। इसलिए सिविल डिफेंस की टीमें और गोताखोरों की विशेष टीम 24 घंटे निगरानी में रहेगी। सरोवर के आसपास महिला और पुरुष पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे, साथ ही CCTV कैमरे बढ़ाए जाएंगे और हेल्पलाइन नंबर जारी होंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।

ध्वजारोहण से होगी पुष्कर मेले की औपचारिक शुरुआत

हालांकि मेले की शुरुआत 22 अक्टूबर से होगी, लेकिन इसकी औपचारिक शुरुआत 30 अक्टूबर को ध्वजारोहण के साथ होगी। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई सलाहकार समिति की बैठक में कलेक्टर, एसपी और विभागीय अधिकारियों ने तैयारियों की समीक्षा की।

नगर परिषद आयुक्त जनार्दन शर्मा ने बताया कि मेले के सभी कामों के टेंडर पूरे हो चुके हैं और दिवाली से पहले सभी निर्माण और सफाई कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। फिलहाल परिक्रमा मार्ग और पुराने मेला मैदान में सीवरेज लाइन की सफाई जारी है। इस बार सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और इसके लिए अतिरिक्त कर्मचारी लगाए जाएंगे।

नया मैदान, ऑनलाइन भूमि आवंटन और पशु प्रतियोगिताएं

इस बार पुष्कर मेला लगभग 540 बीघा के नए मैदान में लगाया जाएगा। यहां पर विभिन्न पशु प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी और विजेताओं के लिए 1 लाख 18 हजार रुपए के पुरस्कार तय किए गए हैं।

पशुपालकों को भूमि आवंटन के लिए इस बार ऑनलाइन आवेदन प्रणाली लागू की गई है। नया मैदान 11 सेक्टरों में बांटा गया है, ताकि भीड़ और अव्यवस्था से बचा जा सके। आवेदन करने वाले पशुपालकों को अपने पशुओं का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा। पशुओं को आसानी से उतारने के लिए दो नए रैंप भी बनाए गए हैं।

स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मंच, कवि सम्मेलन होगा आकर्षण

मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इस बार स्थानीय कलाकारों को प्रमुखता दी जाएगी। कार्तिक द्वादशी और त्रयोदशी को विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अलावा, एक भव्य कवि सम्मेलन भी इस बार का मुख्य आकर्षण रहेगा।

देवस्थान विभाग द्वारा विशेष आध्यात्मिक यात्रा और महाआरती का आयोजन किया जाएगा। नगर निगम की ओर से मोबाइल टॉयलेट, फायर ब्रिगेड और सुपर सकर मशीन की व्यवस्था की जा रही है। वहीं अजमेर विकास प्राधिकरण नौसर घाटी में रोशनी और झाड़ियों की सफाई का काम करेगा। रसद विभाग LPG सिलेंडर और खाने के पैकेट के लिए काउंटर लगाएगा, जबकि अजमेर डेयरी की ओर से चारा डिपो और दो अस्थायी पार्लर खोले जाएंगे।

पानी, बिजली और सड़कें होंगी बेहतर

जलदाय विभाग के अभियंता भोला सिंह रावत ने बताया कि सामान्य दिनों में पुष्कर को 1.5 MLD पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन मेले के दौरान यह बढ़कर 2.5 MLD तक पहुंच जाती है। इसके लिए अतिरिक्त पानी की मांग की गई है।

डिस्कॉम के सहायक अभियंता विकास शर्मा ने बताया कि 14 वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं और अस्थाई बिजली कनेक्शन के लिए नगर परिषद से NOC अनिवार्य होगा।

PWD विभाग ने भी सड़कों की मरम्मत और पैचवर्क के टेंडर जारी कर दिए हैं। साथ ही VIP विजिट के लिए हेलीपैड का निर्माण भी किया जा रहा है। राजस्थान रोडवेज की ओर से 30 अक्टूबर से 7 नवंबर तक अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी।

चिकित्सा सुविधाएं और आपात सेवाएं

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा ने बताया कि मेले के दौरान 10 अस्थायी डिस्पेंसरी लगाई जाएंगी और पुष्कर अस्पताल 24 घंटे खुला रहेगा। इसके साथ ही अतिरिक्त स्टाफ की ड्यूटी भी लगाई गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत इलाज उपलब्ध हो सके।

कोई बजट कमी नहीं, पीएम मोदी और सीएम शर्मा को न्योता

मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि इस बार बजट की कोई कमी नहीं होगी और मेला पिछले साल से भी अधिक शानदार और सुव्यवस्थित रूप में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मेले में आमंत्रण भेजा गया है।

जिला कलेक्टर लोक बंधु ने कहा कि मेले में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के सुझावों के आधार पर तैयारियां की जा रही हैं और “अतिथि देवो भव” की भावना को केंद्र में रखकर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

तीन चरणों में आयोजित होगा पुष्कर मेला

  1. पहला चरण – दीपावली के दूसरे दिन से पशुपालक अपने पशु लेकर मेले में पहुंचना शुरू कर देते हैं।

  2. दूसरा चरण – कार्तिक शुक्ल गोपाष्टमी से प्रशासनिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं शुरू होती हैं। इसी दिन ध्वजारोहण कर मेले का औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा।

  3. तीसरा चरण – धार्मिक मेला देवउठनी एकादशी से प्रारंभ होता है और इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा के महा स्नान के साथ होता है।

पशु विक्रय व्यवस्था — तीन प्रकार की चिट्ठियां

पशु मेले में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए तीन तरह की चिट्ठियां जारी की जाएंगी:

  • लाल चिट्ठी: पशु का पंजीकरण विवरण

  • सफेद चिट्ठी: बिक्री-पत्र (सेल डीड) जिसमें खरीदार और विक्रेता के हस्ताक्षर होंगे

  • रवन्ना: बिक्री के बाद पशु को बाहर ले जाने की अनुमति पत्र


पुष्कर मेला 2025 राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस बार के आयोजन में आधुनिक तकनीक, डिजिटल व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंधन का समन्वय देखने को मिलेगा। VIP पास हटाने से लेकर ऑनलाइन भूमि आवंटन तक, प्रशासन की पारदर्शी व्यवस्था इस मेले को और अधिक आकर्षक बनाएगी। श्रद्धालु, पर्यटक और पशुपालक एक बार फिर से राजस्थान की इस अनोखी परंपरा का हिस्सा बनेंगे, जो आस्था, व्यापार और संस्कृति का संगम है।

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