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पुष्कर मेला 2025 : दीया कुमारी ने किया उद्घाटन, 72 करोड़ का घोड़ा ‘बुर्ज खलीफा’ बना आकर्षण

पुष्कर मेला 2025 : दीया कुमारी ने किया उद्घाटन, 72 करोड़ का घोड़ा ‘बुर्ज खलीफा’ बना आकर्षण

मनीषा शर्मा, अजमेर । अजमेर का विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला 2025 गुरुवार से पारंपरिक उल्लास और सांस्कृतिक धूमधाम के साथ शुरू हो गया। मेला मैदान में राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने ध्वजारोहण कर मेले की औपचारिक शुरुआत की। उनके साथ देशी और विदेशी पर्यटकों ने भी इस ऐतिहासिक आयोजन में हिस्सा लिया। ध्वजारोहण के बाद दीया कुमारी ने छात्राओं के साथ राजस्थानी लोक संगीत पर नृत्य किया, जिसने समारोह का माहौल जीवंत बना दिया। उन्होंने पुष्कर मेले को “राजस्थान की सांस्कृतिक आत्मा” बताया और कहा कि यह मेला न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश की पहचान है।

नगाड़ों की गूंज से गूंजा पुष्कर, 101 कलाकारों ने रचा इतिहास

उद्घाटन समारोह में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नगाड़ा वादक नाथूराम सोलंकी और उनकी टीम ने शानदार प्रस्तुति दी। इस दौरान 101 कलाकारों ने एक साथ नगाड़ों पर थाप दी, जो पुष्कर के इतिहास में पहली बार हुआ। यह प्रदर्शन इतना भव्य था कि पूरा मेला मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने खुद मंच पर पहुंचकर नगाड़ा बजाया, जिससे उपस्थित हजारों दर्शक रोमांचित हो उठे।

सवा लाख दीपों से जगमगाया पुष्कर सरोवर

शाम होते ही पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर सवा लाख दीपक जलाकर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया गया। जयपुर घाट पर महाआरती का आयोजन हुआ, जहां स्कूली बच्चों, सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने दीप जलाए। पूरा पुष्कर शहर दिवाली जैसी रोशनी से जगमग हो उठा। जयपुर घाट को आकर्षक फूलों से सजाया गया था, और महाआरती के दौरान “हर हर महादेव” और “जय श्री ब्रह्मा” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया।

72 करोड़ का ‘बुर्ज खलीफा’ घोड़ा बना सेंटर ऑफ अट्रैक्शन

मेले में हरियाणा के रहने वाले मोलड़ अपने प्रसिद्ध घोड़े ‘बुर्ज खलीफा’ को लेकर पहुंचे हैं। यह मारवाड़ी नस्ल का 72 इंच ऊंचा घोड़ा है, जिसकी कीमत 72 करोड़ रुपये लगाई गई है। यह अब तक पुष्कर मेले में आया सबसे महंगा और सबसे ऊंचा घोड़ा है। मोलड़ ने बताया कि उन्होंने यह घोड़ा एक साल पहले पंजाब से खरीदा था और अब तक यह चार शो जीत चुका है, जिसमें 2021 का पुष्कर शो भी शामिल है। घोड़े के पिता का नाम ‘ग्रेट गैम्बलर’ है, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के पास है। ‘बुर्ज खलीफा’ के राइडर पुष्पेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि इस घोड़े के हर इंच की कीमत 1 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इसे बेचने की इच्छा नहीं है, क्योंकि यह उनके लिए गर्व और परंपरा का प्रतीक है।

15 करोड़ का ‘शाबाज’ और 16 इंच की गाय भी बनी आकर्षण

मेले में पंजाब के पशुपालक गेरी अपने 15 करोड़ रुपये के घोड़े ‘शाबाज’ को लेकर आए हैं। यह भी लोगों का खास आकर्षण बना हुआ है। वहीं, जयपुर के बगरू निवासी अभिनव तिवारी अपनी 16 इंच ऊंची पुंगनूर नस्ल की गाय लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि यह भारत की सबसे छोटी गाय है। उन्होंने 15 अलग-अलग नस्लों की गायें, जैसे मिनी माउस, बिछु और पुंगनूर, मेले में प्रदर्शित की हैं।

दो फीट ऊंचे शेटलैंड पोनी घोड़े बने बच्चों के चहेते

पहली बार पुष्कर मेले में शेटलैंड पोनी नस्ल के घोड़े भी शामिल हुए हैं। यह घोड़े मात्र 24 से 31 इंच ऊंचे हैं और बेहद प्यारे दिखते हैं। जयपुर के ही अभिनव तिवारी इन चार पोनी घोड़ों को लेकर आए हैं। इनकी उम्र 8 महीने से 3 साल के बीच है और यह खासकर विदेशी टूरिस्ट्स के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

800 किलो का भैंसा और 35 लाख की कीमत

श्रीगंगानगर के इंजीनियर भरत कुमार अपने 800 किलो वजनी साबरमती मुर्रा नस्ल के भैंसे को लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि इस भैंसे की कीमत 35 लाख रुपये तक लग चुकी है। दिलचस्प बात यह है कि यह भैंसा दोपहर के भोजन में काजू-बादाम खाता है।

पशुपालन विभाग के अनुसार 5,914 पशु पहुंचे

पशुपालन विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. सुनील घीया ने बताया कि इस बार मेले में अब तक 5,914 पशु पहुंचे हैं। इनमें 4,331 घोड़े, 1,546 ऊंट, 15 भैंस, 20 गायें, एक भेड़ और एक बकरी शामिल हैं। इस बार ऊंटों की संख्या पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम रही, लेकिन घोड़ों की शानदार नस्लों ने मेले की शान बढ़ाई है।

राजस्थानी संस्कृति और विदेशी पर्यटकों का संगम

पुष्कर मेला न केवल पशु व्यापार के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यह संस्कृति और परंपरा का उत्सव भी है। इस बार मेला मैदान में सांस्कृतिक यात्रा निकाली गई, जो ब्रह्मा मंदिर से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए मैदान तक पहुंची। यहां आंगी-बांगी गैर नृत्य, राजस्थानी लोक संगीत और महिला मांडणा प्रतियोगिता आयोजित हुई। दीवारों पर महिलाओं ने रंग-बिरंगे पारंपरिक डिज़ाइन बनाकर पुष्कर की कला को जीवंत कर दिया।

विदेशी पर्यटकों की उमंग और भागीदारी

इस बार मेले में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं। इटली के सिमोने ने कहा कि देसी पर्यटकों के साथ फुटबॉल मैच बेहद रोमांचक रहा, हालांकि विदेशी टीम 2-1 से हार गई। उन्होंने कहा, “अगली बार हम बेहतर खेलेंगे और जरूर जीतेंगे।” पोलैंड की पर्यटक विक्टोरिया, जिन्होंने अपने देश में हिंदी सीखी है, ने कहा कि पुष्कर में आकर उन्हें भारत की संस्कृति से जुड़ाव महसूस हुआ। उन्होंने हिंदी में कहा, “मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है।”

पुष्कर मेला: परंपरा और पर्यटन का संगम

पुष्कर मेला केवल एक पशु मेला नहीं, बल्कि राजस्थान की आत्मा और संस्कृति का उत्सव है। यहां देशी-विदेशी सैलानी, कला, संगीत, पशु प्रदर्शनी, और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इस साल मेले की भव्यता में 72 करोड़ का बुर्ज खलीफा घोड़ा, सवा लाख दीपों की आरती, और 101 नगाड़ों की गूंज ने चार चांद लगा दिए हैं।

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