latest-newsअजमेरराजस्थान

पुष्कर पशु मेला 2025: विदेशी नस्ल के घोड़े और 1.25 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाएगा सरोवर

पुष्कर पशु मेला 2025: विदेशी नस्ल के घोड़े और 1.25 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाएगा सरोवर

मनीषा शर्मा, अजमेर  ।  अजमेर  के रेतीले धोरों में एक बार फिर विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले 2025 की रंगीनियां देखने को मिल रही हैं। देश और विदेश से आने वाले पशुपालकों की भीड़ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मेले में अब तक 1342 पशुओं का आगमन हो चुका है और आने वाले दिनों में यह संख्या 5000 के पार जाने की संभावना है। मेले की विशेषता सिर्फ पशु व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटक आकर्षण का एक अनोखा संगम बन चुका है।

मारवाड़ी नस्ल के घोड़े बने आकर्षण का केंद्र

इस बार सबसे अधिक चर्चा में हैं मारवाड़ी नस्ल के घोड़े, जिनमें ‘बह्मदेव’ नाम का घोड़ा मेले की शान बन गया है। इसकी देखभाल किसी राजसी अंदाज से कम नहीं। इसकी डाइट में काजू, बादाम, दूध, घी, मक्खन और छाछ शामिल हैं। इतना ही नहीं, इन खास नस्ल के घोड़ों को मेले तक पहुंचाने के लिए एयर-कंडीशंड वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि उन्हें यात्रा के दौरान गर्मी या थकान महसूस न हो। मारवाड़ी नस्ल के ये घोड़े राजस्थान की शान माने जाते हैं और देश-विदेश के खरीदार इन्हें ऊंची कीमत पर खरीदने के लिए आते हैं।

सबसे छोटे कद के घोड़े भी बने आकर्षण

इस बार मेले में केवल ताकतवर और लंबी कद-काठी के घोड़े ही नहीं, बल्कि सबसे छोटी हाइट वाले घोड़े भी शामिल हुए हैं। इनकी सुंदरता और अनोखी बनावट ने पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। पशुपालक इन्हें विशेष नस्ल बताकर प्रदर्शित कर रहे हैं।

30 अक्टूबर से होगी मेले की औपचारिक शुरुआत

पुष्कर पशु मेले की औपचारिक शुरुआत 30 अक्टूबर 2025 से होगी। इस अवसर पर पुष्कर सरोवर के घाटों पर सवा लाख दीयों का दीपदान किया जाएगा। पूरा सरोवर इस रोशनी से जगमगाएगा और चारों ओर रंगोलियां बनाई जाएंगी। मेले की शुरुआत धार्मिक अनुष्ठानों से होगी, जिसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं की श्रृंखला शुरू होगी। पशुपालन विभाग के अनुसार, इस बार मेले में 5000 से ज्यादा घोड़े आने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश से पशुपालक पहुंच चुके हैं।

अन्नकूट भोग और धार्मिक आयोजन

पुष्कर मेले के दौरान धार्मिक परंपराओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। ब्रह्मा मंदिर परिसर में 56 भोग की झांकी सजाई जाएगी और ब्रह्माजी को 51 सौ किलो अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा। इसके साथ ही कार्तिक मास की एकादशी तिथि (2 नवंबर) को आध्यात्मिक पदयात्रा भी आयोजित की जाएगी, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। यह यात्रा पुष्कर सरोवर के घाटों से होकर गुजरेगी।

मेले में सुरक्षा और मॉनिटरिंग की सख्त व्यवस्था

पुष्कर मेला हर साल लाखों पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस बार सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया गया है। प्रशासन ने मेले में आने वाले लोगों और पशुपालकों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी शुरू कर दी है। जिला कलेक्टर लोकबंधु खुद तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने पुष्कर पहुंचकर नए मेला मैदान का निरीक्षण किया और पशुपालकों से सीधे बातचीत की।

कलेक्टर की बैठक और दिशा-निर्देश

पुष्कर मेले की तैयारियों को लेकर एसडीएम कार्यालय में जिला कलेक्टर लोकबंधु की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने मेले से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि मेले के दौरान कानून व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहे। उन्होंने पुलिस और ट्रैफिक विभाग को भीड़ प्रबंधन की विस्तृत योजना तैयार करने को कहा। बैठक में एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह, एडिशनल एसपी ग्रामीण दीपक शर्मा, एसडीएम गुरुप्रसाद तंवर, सीओ ग्रामीण रामचंद्र चौधरी, सीओ ट्रैफिक आयुष वशिष्ठ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू

30 अक्टूबर से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां भी जोरों पर हैं। इस बार मेले में राजस्थानी लोकनृत्य, कठपुतली शो, लोक संगीत, और पारंपरिक नाटक पेश किए जाएंगे। इसके साथ ही पशुपालकों और पर्यटकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न पशु प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी, जिनमें सर्वश्रेष्ठ नस्ल, सुंदरता, और सजावट पर इनाम दिए जाएंगे।

विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बनेगा पुष्कर

हर साल की तरह इस बार भी पुष्कर मेला विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केंद्र रहेगा। यूरोप, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया से सैकड़ों पर्यटक इस अनोखे मेला अनुभव को देखने पहुंचते हैं। राजस्थान पर्यटन विभाग ने विदेशी मेहमानों के लिए विशेष गाइडेड टूर, फोटोग्राफी जोन और लोक कला प्रदर्शनी की व्यवस्था की है।

पर्यावरण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान

इस बार प्रशासन ने मेले में प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने की पहल की है। पुष्कर सरोवर और मेला मैदान के आसपास सफाई व्यवस्था के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं। ‘स्वच्छ पुष्कर, सुंदर पुष्कर’ अभियान के तहत स्थानीय स्वयंसेवी संगठन भी जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading