शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने 9 जनवरी 2025 को राज्य के 9 जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। यह अवकाश इन जिलों में नगर निकाय उपचुनावों के मतदान के दिन घोषित किया गया है। इन उपचुनावों को लेकर सरकार ने जिला कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश जारी करने के अधिकार दिए हैं।
मतदान दिवस पर सार्वजनिक अवकाश का निर्णय
राजस्थान के बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, हनुमानगढ़, जयपुर, झालावाड़, जोधपुर ग्रामीण, सवाई माधोपुर और सीकर जिलों के 9 नगरीय निकायों में उपचुनावों का आयोजन किया जा रहा है।
- मतदान तिथि: 9 जनवरी 2025, गुरुवार।
- सार्वजनिक अवकाश: मतदान दिवस को सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी और निजी संस्थानों में छुट्टी घोषित की गई है।
- पुनर्मतदान की स्थिति: पुनर्मतदान होने पर संबंधित क्षेत्र में उसी दिन सार्वजनिक अवकाश होगा।
यह फैसला सामान्य प्रशासन (ग्रुप-2) विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत लिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला कलेक्टरों को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के लिए अधिकृत किया है।
आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देश
उपचुनाव वाले क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है।
मंत्रियों की गतिविधियां प्रतिबंधित:
- चुनाव क्षेत्र में मंत्री शासकीय दौरे पर नहीं जाएंगे।
- आपात स्थिति में दौरे की अनुमति केवल राज्य निर्वाचन आयोग को सूचित करने के बाद ही मिलेगी।
सरकारी संसाधनों का उपयोग नहीं:
सरकारी वाहन, लाल बत्ती, सायरन, विश्रामगृह, डाक बंगले जैसे संसाधनों का चुनाव प्रचार में उपयोग वर्जित होगा।
अन्य राजनीतिक दलों को भी यह सुविधा निष्पक्ष रूप से दी जाएगी।
उपचुनावों का महत्व और प्रशासनिक तैयारियां
राजस्थान में नगरीय निकाय उपचुनाव न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये प्रशासनिक जिम्मेदारियों की भी परीक्षा लेते हैं।
उपचुनावों का दायरा: 9 जिलों के नगरीय निकायों में रिक्त पदों को भरने के लिए यह प्रक्रिया की जा रही है।
प्रशासनिक जिम्मेदारी: जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
चुनाव प्रक्रिया:
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग किया जाएगा।
पुलिस बल और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहेंगी।
मंत्रियों के लिए सख्त नियम
आदर्श आचार संहिता के तहत मंत्रियों को कठोर नियमों का पालन करना होगा।
- शासकीय संसाधनों का उपयोग निषिद्ध:
- मंत्री अपने सरकारी वाहनों का उपयोग नहीं कर सकते।
- सरकारी विश्रामगृह और परिसरों का प्रचार के लिए इस्तेमाल वर्जित है।
- प्रोटोकॉल पर रोक:
- सरकारी अधिकारी और कर्मचारी किसी भी मंत्री के स्वागत या प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे।
यह प्रावधान बोर्ड और निगम के अध्यक्षों पर भी लागू होंगे, जिन्हें मंत्री या राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है।
पुनर्मतदान की स्थिति में विशेष प्रावधान
अगर किसी नगरीय निकाय में पुनर्मतदान की आवश्यकता होती है, तो संबंधित क्षेत्र में उसी दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाएगा। यह फैसला मतदान प्रक्रिया में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।