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राजस्थान को जल संकट से राहत दिलाने की तैयारी, केंद्र को भेजा प्रस्ताव

राजस्थान को जल संकट से राहत दिलाने की तैयारी, केंद्र को भेजा प्रस्ताव

शोभना शर्मा। राजस्थान में भीषण जल संकट के बीच एक सकारात्मक पहल हुई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के जल संकट को दूर करने और भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक बड़ी योजना केंद्र सरकार को प्रस्तावित की है। इस प्रस्ताव के तहत हिमालय से निकलने वाली चिनाब नदी और उससे जुड़ी अन्य नदियों के अतिरिक्त जल का उपयोग उत्तर भारत के कई राज्यों, विशेषकर राजस्थान के लिए किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल को एक विस्तृत पत्र लिखकर आग्रह किया है कि चिनाब नदी बेसिन की तीन प्रमुख जल परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी दी जाए और उनके क्रियान्वयन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। यह परियोजनाएं न केवल राजस्थान बल्कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों को भी जल संकट से राहत दिला सकती हैं।

चिनाब बेसिन परियोजना से क्या होगा फायदा?

मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि यदि चिनाब जैसी नदियों का अतिरिक्त जल ब्यास, रावी और उझ नदियों में डायवर्ट किया जाए, तो इससे सतलुज और ब्यास में जल प्रवाह में वृद्धि होगी। यह अतिरिक्त जल इंदिरा गांधी नहर में भेजा जा सकेगा, जिससे राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र की पेयजल और सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राजस्थान को वर्तमान में जल आवश्यकता के अनुसार:

  • 1.0 MAF पानी पीने के लिए

  • 1.0 MAF पानी सिंचाई के लिए

  • 0.2 MAF पानी औद्योगिक उपयोग के लिए
    की जरूरत है। इसके अलावा, राज्य में प्राकृतिक जलाशयों में 1.0 MAF जल भंडारण की क्षमता है, जिसका समुचित उपयोग इन परियोजनाओं से संभव होगा।

तीन स्तरीय लाभ राजस्थान को

  1. पेयजल संकट से राहत: राजस्थान के कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल की भारी किल्लत है। चिनाब बेसिन परियोजना के लागू होने से लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा।

  2. सिंचाई को बढ़ावा: इंदिरा गांधी नहर में अतिरिक्त जल आपूर्ति से हजारों हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसान आत्मनिर्भर बनेंगे।

  3. औद्योगिक विकास को गति: पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक क्षेत्रों को लाभ मिलेगा, जिससे निवेश के नए अवसर और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह योजना राजस्थान के जल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए “मील का पत्थर” साबित हो सकती है और केंद्र सरकार को इसे प्राथमिकता के आधार पर लागू करना चाहिए।

मुख्यमंत्री का तीन जिलों का दौरा, जल संरक्षण पर रहेगा फोकस

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 18 जून को राजसमंद, जालौर और बाड़मेर जिलों के दौरे पर रहेंगे। यह दौरा वंदे गंगा अभियान के तहत आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है—जन सहभागिता से जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप देना।

मुख्यमंत्री दिन की शुरुआत सुबह 9:30 बजे जयपुर एयरपोर्ट से प्रस्थान करके करेंगे और 10:20 बजे उदयपुर पहुंचेंगे। वहां से वे राजसमंद झील पहुंचकर नौचोकी पाल पर जल पूजन करेंगे। इसके बाद भिक्षु निलयम में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे।

दोपहर में मुख्यमंत्री जालौर के सीलू घाट (नर्मदेश्वर) जाएंगे, जहां वे जल पूजन के साथ-साथ स्थानीय समुदाय के साथ संवाद करेंगे। इस दौरान वे जल संरक्षण की योजनाओं और उसके क्रियान्वयन पर जोर देंगे।

दौरे का अंतिम पड़ाव बाड़मेर का उत्तरलाई एयरपोर्ट रहेगा, जहां से वे शाम 4:20 बजे जयपुर लौट आएंगे।

वंदे गंगा अभियान को मिलेगा बल

राजस्थान सरकार “वंदे गंगा अभियान” को प्रदेश भर में प्रभावी बनाने के लिए जिला स्तर पर कार्यक्रम चला रही है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है—गांव-गांव, शहर-शहर जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और छोटे-बड़े जलस्रोतों को पुनर्जीवित करना।

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