मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और व्यवस्थित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को डीडवाना दौरे के दौरान इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही 25,000 तृतीय श्रेणी (थर्ड ग्रेड) शिक्षकों का प्रमोशन करने जा रही है। इसके लिए न्यायालय से अनुमति मांगी गई है और अनुमति मिलते ही इन शिक्षकों को द्वितीय श्रेणी में पदोन्नत कर दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सरकारी स्कूलों की शैक्षिक व्यवस्था और वातावरण को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस दिशा में सरकार ने योग्य और संस्कारित शिक्षकों की नियुक्ति की है। स्कूल समय में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों जैसे मंदिर जाना या नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई शिक्षक ऐसा करता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी स्कूलों के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास
अपने डीडवाना दौरे के दौरान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ललासरी गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और धनकोली गांव के शहीद जीवनराम ख़सवां विद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्कूल की व्यवस्था देखी और शिक्षकों से बातचीत की।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश की भामाशाह परंपरा आज भी जीवित है। भामाशाह सांवर हर्षवाल ने विद्यालय विकास के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का सहयोग दिया है। उनके इस योगदान का अभिनंदन करते हुए मदन दिलावर ने कहा कि ऐसे समाजसेवी व्यक्तित्व, शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों को संसाधन संपन्न और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा केंद्र बनाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठा रही है।
इतिहास का पुनर्लेखन — बच्चों को मिलेगा सही और गौरवशाली इतिहास
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इतिहास को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमें वर्षों तक गलत इतिहास पढ़ाया गया। कुछ ऐरे-गैरे लोगों ने हमारे महापुरुषों और क्रांतिकारियों का गौरवशाली इतिहास किताबों में सही तरीके से नहीं दिखाया।
अब राजस्थान सरकार इतिहास का पुनर्लेखन करवा रही है। नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा रही हैं, जिनमें बच्चों को भारत के वीर महापुरुषों का वास्तविक इतिहास पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों का इतिहास वीरता और बलिदान से भरा रहा है। नई किताबें आने के बाद विद्यार्थी सच्चे इतिहास से परिचित हो सकेंगे।
शिक्षा मंत्री के सख्त निर्देश
शिक्षा मंत्री ने साफ कहा कि स्कूल समय में कोई भी शिक्षक धार्मिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा। स्कूल का समय सिर्फ और सिर्फ शैक्षणिक कार्यों के लिए होगा। सरकार ने शिक्षकों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं और इसका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी सबसे अहम है। इसीलिए योग्य और संस्कारित शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में योगदान देंगे।