latest-newsजयपुरराजनीतिराजस्थान

राजस्थान में वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया स्थगित

राजस्थान में वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया स्थगित

मनीषा शर्मा।  राजस्थान में पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर जारी असमंजस और कानूनी पेच अब और गहराते नजर आ रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को दो अलग-अलग आदेश जारी करते हुए प्रदेशभर में पंचायतों और निकायों की वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। यह फैसला सीधे तौर पर राजस्थान हाईकोर्ट के हालिया आदेशों की पालना में लिया गया है।

आयोग ने स्थगित किया वोटर लिस्ट बनाने का कार्यक्रम

आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि 22 अगस्त को जारी कार्यक्रम, जिसके तहत प्रदेश की सभी पंचायतों और नगरीय निकायों में वोटर लिस्ट बनाने का कार्य शुरू होना था, उसे अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। इसका मतलब यह है कि अभी नए मतदाता जुड़ने या संशोधन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।

मामला कैसे शुरू हुआ?

पूरे मामले की जड़ 18 अगस्त को हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा दिए गए उस आदेश में है, जिसमें राज्य सरकार को जल्द पंचायत चुनाव कराने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही प्रशासकों को हटाने और चुनी हुई संस्थाओं को बहाल करने की भी बात कही गई थी। इसके खिलाफ सरकार ने डिवीजन बेंच का दरवाजा खटखटाया।

25 अगस्त को जस्टिस एस.पी. शर्मा की खंडपीठ ने सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी। इसी आदेश को आधार मानते हुए निर्वाचन आयोग ने अब वोटर लिस्ट की प्रक्रिया रोक दी है।

सरकार और आयोग आमने-सामने

हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने जल्द चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी। लेकिन सरकार का रुख बिल्कुल अलग था। सरकार ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की नीति पर विचार कर रही थी और चाहती थी कि पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव विधानसभा चुनावों के साथ कराए जाएं।

यही कारण था कि दोनों संस्थाओं में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। सरकार का तर्क था कि परिसीमन की प्रक्रिया और नए जिलों के गठन के चलते वार्डों का पुनर्गठन हुआ है। ऐसे में चुनाव कराना संभव नहीं है और इसके लिए अतिरिक्त समय चाहिए।

नगरीय निकायों का कार्यकाल खत्म होने की स्थिति

राजस्थान में इस समय कुल 196 नगरीय निकाय हैं, जिनमें नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाएं शामिल हैं। इनमें से 49 निकायों में पहले ही कार्यकाल पूरा हो चुका है और वहां प्रशासक नियुक्त किए गए हैं।

आगामी महीनों में भी कई निकायों का कार्यकाल पूरा होने वाला है:

  • अक्टूबर 2025 में 3 निकायों का कार्यकाल पूरा होगा।

  • नवंबर 2025 में 3 और निकाय समाप्त होंगे।

  • दिसंबर 2025 में 50 निकायों का कार्यकाल खत्म होगा।

  • जनवरी 2026 में 90 निकायों की अवधि पूरी होगी।

  • फरवरी 2026 में शेष 1 निकाय का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

यानि आने वाले 5-6 महीनों में सभी निकाय प्रशासकों के अधीन हो जाएंगे। यह स्थिति लोकतांत्रिक ढांचे के लिहाज से संवेदनशील मानी जा रही है।

पंचायत चुनाव पर भी असर

पंचायत चुनावों को लेकर भी यही स्थिति बनी हुई है। एक ओर अदालत का दबाव है कि जल्द चुनाव कराए जाएं, वहीं दूसरी ओर सरकार ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की योजना पर टिके रहना चाहती है। आयोग द्वारा वोटर लिस्ट की प्रक्रिया स्थगित करने के बाद यह साफ है कि चुनाव फिलहाल जल्द होने की संभावना कम हो गई है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading