मनीषा शर्मा, अजमेर। प्रदेश की एकमात्र हाई सिक्योरिटी जेल में हाल ही में मोबाइल फोन मिलने के बाद जेल प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। जेल प्रशासन ने गुट बनाकर बैरिक में रह रहे बंदियों को अलग-अलग बैरिक में डाल दिया है। इस कदम के बाद से जेल में 10 से 12 हार्डकोर बंदियों ने भोजन त्याग दिया है।
बंदियों की ओर से अभी तक भोजन नहीं खाने का कारण जेल प्रशासन को नहीं बताया गया है और ना ही कोई मांग सामने रखी गई है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब गैंगस्टर राजू ठेहठ हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी विजयपाल को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उसने इलाज कराने से मना कर दिया और उसे वापस जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने कहा कि तलाशी की कार्रवाई के प्रतिक्रिया स्वरूप यह किया जा रहा है। बंदियों को नियम अनुसार सारी सुविधाएं देने के बावजूद उनका जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए यह हथकंडा अपनाया जा रहा है। लेकिन जेल प्रशासन इसके दबाव में नहीं आएगा। अगर आवश्यकता पड़ी तो उनके जीवन रक्षा के लिए जेल मैनुअल के अनुसार जबरदस्ती खाना खिलाया जाएगा। जेल में बंदियों को लगातार भोजन परोसा जा रहा है, जिसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी करवाई जा रही है ताकि आवश्यकता पड़ने पर यह सबूत प्रशासन के द्वारा पेश किया जा सके।
जेल प्रशासन की जांच पड़ताल में मालूम हुआ कि हाल ही में एक बैरिक में हार्डकोर बंदी के पास मोबाइल फोन मिलने की घटना के बाद, गुट बनाकर बैरिक में रह रहे बंदियों को अलग-अलग बैरिक में डाल दिया गया। इससे बंदियों ने एक ही साथ बैरिक में रखने के समर्थन में भोजन त्याग दिया है, लेकिन इसे कोई भी स्पष्ट रूप से नहीं कह रहा और ना ही कोई मांग रखी जा रही है।
बुधवार को हरियाणा की अदालत में एक बंदी की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेशी हुई थी, जिसमें उसने अदालत के समक्ष कहा कि जेल प्रशासन उसे पिछले 5 दिनों से भोजन नहीं दे रहा है। अदालत ने आदेश दिया कि उसका मेडिकल कराया जाए। इसे लेकर ही जेल प्रशासन ने बंदी विजयपाल का इलाज कराने के लिए अस्पताल भेजा था, लेकिन उसने मना कर दिया।