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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ रुपये का दावा भुगतान

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ रुपये का दावा भुगतान

मनीषा शर्मा।  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत देशभर के किसानों को एक बड़ी सौगात मिली है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 अगस्त 2025 को राजस्थान के झुंझुनू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 30 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में 3,200 करोड़ रुपये की फसल बीमा दावा राशि डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर की। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उपस्थित रहे।

इस योजना के अंतर्गत विभिन्न राज्यों के किसानों को उनकी फसल हानि के बदले मुआवजा प्रदान किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 3,200 करोड़ रुपये में से मध्य प्रदेश के किसानों को 1,156 करोड़ रुपये, राजस्थान के किसानों को 1,121 करोड़ रुपये (7 लाख से अधिक किसानों के लिए) और छत्तीसगढ़ के किसानों को 150 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। शेष 773 करोड़ रुपये अन्य राज्यों के किसानों में वितरित किए गए हैं। यह भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हुई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। तब से अब तक किसानों से कुल 35,864 करोड़ रुपये का प्रीमियम लिया गया है, जबकि योजना के तहत 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावे निपटाए जा चुके हैं। इसका अर्थ यह है कि किसानों को उनके प्रीमियम का पांच गुना से अधिक लाभ मिला है।

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और फसल बीमा योजना को और अधिक पारदर्शी एवं सरल बनाया गया है। अब दावों का भुगतान केवल केंद्रीय सब्सिडी के आधार पर किया जाएगा, राज्य सरकार के प्रीमियम अंशदान का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

इसके साथ ही, खरीफ 2025 सीजन से एक नया नियम लागू किया गया है। यदि राज्य सरकार प्रीमियम अंशदान में देरी करती है तो उस पर 12% का जुर्माना लगेगा, और अगर बीमा कंपनियां भुगतान में देरी करती हैं तो उन्हें भी किसानों को 12% ब्याज के साथ मुआवजा देना होगा। इससे किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और देरी की समस्या कम होगी।

तकनीकी दृष्टिकोण से भी योजना में कई सुधार किए गए हैं। सरकार ने YES-TECH, WINDS पोर्टल, AIDE मोबाइल ऐप और कृषि रक्षक पोर्टल जैसे आधुनिक तकनीकी उपकरणों को शामिल किया है। इन साधनों के माध्यम से मौसम डेटा की सटीकता बढ़ी है और दावा निपटान प्रक्रिया में तेजी आई है। किसानों के लिए यह बदलाव विशेष रूप से फायदेमंद साबित होंगे, क्योंकि अब उनकी शिकायतों और दावों का निपटान पहले से कहीं अधिक तेज और प्रभावी ढंग से होगा।

गौरतलब है कि इस योजना के तहत अब तक 78 करोड़ से अधिक किसान पंजीकृत हो चुके हैं और बड़ी संख्या में किसानों को लाभ पहुंचा है। हालांकि, जिन किसानों ने दावा किया है लेकिन अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई है, उनके लिए सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही दूसरी किस्त में उनका भुगतान कर दिया जाएगा। ऐसे किसान अपने बैंक खातों की जानकारी और आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं, ताकि किसी भी त्रुटि को समय पर सुधारा जा सके।

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