अबू धाबी: राजस्थान के कारीगरों की कलाकृति अबू धाबी में स्थापित पहले हिंदू मंदिर (Abu Dhabi First Hindu Temple) में अपनी भव्यता बिखेर रही है। 14 फरवरी को उद्घाटन होने वाले इस मंदिर में राजस्थान के मकराना के गांवों से आए कारीगरों ने अपनी उत्कृष्ट मूर्तिकला का प्रदर्शन किया है।
मकराना के कारीगरों का योगदान:
राम किशन सिंह, तीसरी पीढ़ी के मूर्तिकार, मंदिर के लिए 83 टुकड़ों पर काम कर चुके हैं। वे कहते हैं, “भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश देने के लिए इससे बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है?”
राजस्थान और गुजरात के कारीगरों का कौशल:
मंदिर का निर्माण बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा किया जा रहा है। 27 एकड़ में फैले इस मंदिर के अग्रभाग पर बलुआ पत्थर की पृष्ठभूमि पर उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी है। 25,000 से अधिक पत्थरों से बनी यह नक्काशी राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों की कलाकारी को दर्शाती है।
विशेष वास्तुशिल्प:
मंदिर में दो गुंबद और सात शिखर हैं जो संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतीक हैं। प्रत्येक शिखर के अंदर रामायण, शिव पुराण, भागवतम और महाभारत के साथ-साथ भगवान जगन्नाथ, भगवान स्वामीनारायण, भगवान वेंकटेश्वर और भगवान अयप्पा को दर्शाती नक्काशी की गई है।
पांचवीं पीढ़ी के कारीगर बलराम टोंक का योगदान:
बलराम टोंक और उनके भाइयों ने अयोध्या में नये राम मंदिर पर भी काम किया है। वे कहते हैं, “यह भगवान का आशीर्वाद है कि हमारे काम को इन मंदिरों में जगह मिल रही है।”
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 फरवरी को अबू धाबी में भारतीय समुदाय शिखर सम्मेलन ‘अहलान मोदी (हैलो मोदी)’ को संबोधित करेंगे। अगले दिन, वह बीएपीएस मंदिर में एक समारोह में भाग लेंगे