शोभना शर्मा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र में पेपर लीक के मुद्दे पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी भर्ती और परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की रुकावट उचित नहीं है। परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है। हाल ही में हुई पेपर लीक घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा दिलाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राष्ट्रपति ने इस मामले में दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील की और युवाओं को उचित अवसर प्रदान करने की दिशा में सरकार के निरंतर प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना और भारत के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप सिस्टम बनने की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में नए पेपर लीक कानून का भी जिक्र किया, जो 21 जून से लागू हो चुका है। इस कानून के तहत पेपर लीक या आंसर शीट से छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। यह कानून UPSC, SSC, JEE, NEET, CUET, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और NTA की परीक्षाओं को कवर करेगा।
इस संदेश के माध्यम से राष्ट्रपति ने पेपर लीक की समस्याओं पर सख्त कार्रवाई और परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया।