शोभना शर्मा। अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के मौके पर रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से दरगाह में चादर पेश की गई। यह चादर दरगाह कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष मुनव्वर खान द्वारा ख्वाजा साहब की मजार पर पेश की गई। मुनव्वर खान दिल्ली स्थित रक्षा मंत्री आवास से चादर लेकर आए थे। उन्होंने मजार शरीफ पर चादर चढ़ाई और देश में अमन, चैन और खुशहाली की दुआ मांगी।
राजनाथ सिंह का यह कदम ख्वाजा गरीब नवाज की परंपरा और उनके द्वारा दिए गए सौहार्दपूर्ण जीवन के संदेश को सम्मान देने का प्रतीक है। इस अवसर पर दरगाह परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, जिन्होंने उर्स के इस खास मौके पर दुआओं में हिस्सा लिया।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का संदेश और उर्स का महत्व
813 वर्षों से ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का आयोजन अजमेर में किया जा रहा है। यह एक ऐसा आयोजन है, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु ख्वाजा साहब की दरगाह पर हाजिरी देने पहुंचते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जीवन और उनके उपदेश समानता, एकता और प्रेम का संदेश देते हैं।
राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में कहा:
“ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने पूरी दुनिया को आपसी भेदभाव भुलाकर सौहार्दपूर्ण जीवन जीने का संदेश दिया। उनके उर्स में सभी धर्मों और संप्रदायों के लोग श्रद्धा से शामिल होते हैं। यह आयोजन भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है। सभी देशवासियों को इस अवसर पर मेरी शुभकामनाएं।”
राजनाथ सिंह का संदेश बुलंद दरवाजे से पढ़ा गया
चादर पेश करने के बाद बुलंद दरवाजे से राजनाथ सिंह का संदेश पढ़ा गया। इस संदेश में उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षा और उनके योगदान की सराहना की। साथ ही, देशवासियों को उर्स के इस पावन अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
दरगाह में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
उर्स के मौके पर दरगाह शरीफ में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर हाजिरी देकर श्रद्धालुओं ने अमन-चैन और सुख-शांति की दुआएं मांगी। हर साल की तरह, इस बार भी उर्स के दौरान दरगाह में खास इंतजाम किए गए हैं।
खास इंतजाम:दरगाह कमेटी ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पानी, ठहरने और सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए हैं।
भक्ति का माहौल:मजार शरीफ पर गूंजती कव्वालियों और ज़ायरीन की दुआओं से पूरा माहौल आध्यात्मिक हो गया।
राजनीति से परे सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
रक्षा मंत्री की ओर से चादर पेश करने का यह कदम भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक सौहार्द को दर्शाता है। यह पहल न केवल धार्मिक भावनाओं को सम्मान देने का प्रतीक है, बल्कि यह बताती है कि भारत के सभी धर्म और संप्रदाय आपसी मेल-जोल और प्रेम के साथ रहते हैं।
ख्वाजा गरीब नवाज और उनकी शिक्षाएं
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को “गरीब नवाज” के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवनकाल में लोगों को प्रेम, दया और भाईचारे का संदेश दिया। उनकी मजार पर हर साल लाखों लोग आकर दुआएं मांगते हैं।
अमन और सौहार्द का प्रतीक:ख्वाजा साहब के उपदेश आज भी इंसानियत और भाईचारे की प्रेरणा देते हैं।
सभी धर्मों का स्वागत:उनके उर्स में हर धर्म और संप्रदाय के लोग शामिल होते हैं, जो उनकी शिक्षाओं की सार्वभौमिकता को दर्शाता है।