शोभना शर्मा। राजस्थान की राजधानी जयपुर को देश का सबसे सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में पुलिस ने ठोस कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। राजस्थान पुलिस के नए महानिदेशक (डीजीपी) राजीव शर्मा ने पद संभालने के बाद पहली बार जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में समीक्षा बैठक की। करीब पांच घंटे तक चली इस लंबी बैठक में डीजीपी ने अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा और लंबित मामलों की समीक्षा की और स्पष्ट संदेश दिया कि जयपुर की पुलिस पूरे प्रदेश के लिए नजीर बनेगी।
जयपुर कमिश्नरेट में हुई पहली समीक्षा बैठक
बैठक में डीजीपी के साथ पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ, एसीपी, डीसीपी, एडिशनल डीसीपी और एडिशनल पुलिस कमिश्नर सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। डीजीपी ने जयपुर शहर के चारों जिलों में दर्ज अपराधों, उनकी जांच की स्थिति और पुलिस कार्रवाई पर आधारित एक विस्तृत प्रेजेंटेशन देखा। उन्होंने कई मामलों में विलंब पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को लंबित प्रकरणों को समय पर निपटाने के निर्देश दिए।
डीजीपी ने कहा कि राजधानी जयपुर की छवि न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश में राजस्थान पुलिस की पहचान बनाती है। ऐसे में यहां की पुलिसिंग की गुणवत्ता सबसे उच्च स्तर की होनी चाहिए।
अपराधों में कमी लेकिन कार्रवाई जारी रहे
समीक्षा के दौरान प्रस्तुत आंकड़ों में जयपुर में अपराधों में कमी दर्ज की गई। इस पर डीजीपी ने संतोष जताया, लेकिन साथ ही कहा कि केवल आंकड़े कम होना पर्याप्त नहीं है। अपराधियों के खिलाफ निरंतर प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आदेश दिया कि हार्डकोर और आदतन अपराधियों पर विशेष निगरानी रखी जाए और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
डीजीपी ने संपत्ति संबंधी अपराधों पर नियमानुसार कार्रवाई करने और पुलिस जांच को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को यह भरोसा होना चाहिए कि पुलिस अपराध रोकने और न्याय दिलाने के लिए तत्पर है।
महिला सुरक्षा पर विशेष फोकस
बैठक में महिला सुरक्षा पर विशेष चर्चा हुई। डीजीपी राजीव शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं की सुरक्षा है। जयपुर में महिला अपराधों में कमी आई है, लेकिन इसे और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला सुरक्षा से संबंधित विशेष अभियानों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। हेल्पलाइन नंबर हर महिला तक पहुंचे, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं। उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए महिला सुरक्षा अभियानों को निरंतर जारी रखने और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया।
यातायात और पुलिसिंग में सुधार की आवश्यकता
जयपुर में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव पर भी डीजीपी ने चिंता जताई। उन्होंने यातायात व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए और कहा कि लोगों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुलिस को नई रणनीति पर काम करना होगा।
साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूरे राजस्थान में जांच अधिकारियों और पुलिस बल की कमी है। लेकिन इसके बावजूद बेहतर पुलिसिंग सुनिश्चित करना ही अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
पुलिस कमिश्नर का संकल्प
बैठक के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि जयपुर पुलिस को राजधानी होने के कारण और अधिक जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा, “जयपुर पुलिस का काम राजस्थान पुलिस और राज्य सरकार की छवि तय करेगा। यदि हम लापरवाही करेंगे, तो पूरा पुलिस तंत्र सवालों के घेरे में आ जाएगा।”
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर शिकायतकर्ता की बात ध्यान से सुनी जाए और उनकी परेशानी का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जयपुर कमिश्नरेट में पोस्टेड सभी अधिकारियों को डबल मेहनत करनी होगी और राजधानी को ऐसा शहर बनाना होगा, जिसे पूरे देश का सबसे सुरक्षित शहर माना जाए।
देश का सबसे सुरक्षित शहर बनाने की योजना
डीजीपी और पुलिस कमिश्नर दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि जयपुर को भारत का सबसे सुरक्षित शहर बनाने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी। अपराधों पर अंकुश, महिला सुरक्षा को मजबूत करना, लंबित मामलों का समय पर निस्तारण और पुलिस की छवि को पारदर्शी बनाना इस रणनीति के मुख्य आधार होंगे।
डीजीपी राजीव शर्मा ने कहा कि जयपुर पुलिस को “मॉडल पुलिसिंग” का उदाहरण बनना होगा। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए जाएंगे और जनता को नतीजे जल्द ही दिखेंगे।