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खाटूश्यामजी फाल्गुनी लक्खी मेले की तैयारियां पूरी

खाटूश्यामजी फाल्गुनी लक्खी मेले की तैयारियां पूरी

शोभना शर्मा। हर साल की तरह इस बार भी खाटूश्यामजी में भव्य फाल्गुनी लक्खी मेला 28 फरवरी से शुरू हो रहा है। राजस्थान के इस प्रसिद्ध मेले में लाखों श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए खाटू धाम पहुंचेंगे। प्रशासन और मंदिर कमेटी ने भक्तों की सुविधाओं के लिए कई अहम बदलाव किए हैं। खासतौर पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, जल प्रबंधन और मेडिकल सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है।

खाटूश्यामजी मेले में भक्तों के लिए नई व्यवस्थाएं

इस बार मेले के दौरान रींगस-खाटू रोड को नो व्हीकल ज़ोन घोषित किया गया है। भक्तों को 8 किलोमीटर की पदयात्रा करनी होगी, लेकिन इस मार्ग को आरामदायक बनाने के लिए कारपेट बिछाया जा रहा है। यह खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के लिए राहत भरा होगा जो नंगे पांव यात्रा करते हैं।

मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 8 किलोमीटर लंबी जिगजैग लाइनें बनाई गई हैं। दर्शन के लिए कुल 14 लाइनें होंगी, जिससे भीड़ को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। इन लाइनों में पानी की व्यवस्था के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम भी लगाए गए हैं ताकि गर्मी में भक्तों को राहत मिले। इसके अलावा, पानी और मेडिकल सुविधाओं को भी मजबूत किया गया है।

दर्शन के लिए लगेंगी 14 लाइनें, 5 घंटे तक का इंतजार

इस बार भी श्रद्धालुओं को बाबा श्याम के दर्शन के लिए 14 लाइनों से होकर गुजरना होगा। रींगस से आने वाले भक्तों के लिए नगर पालिका के पास मुख्य प्रवेश द्वार बनाया गया है, जहां से उन्हें चारण मैदान तक पहुंचाया जाएगा। यहां से अस्थायी जिगजैग रास्ता बनाया गया है, जो लखदातार मैदान तक जाता है।

दांता रोड से आने वाले भक्तों के लिए भी नया मार्ग तैयार किया गया है। इन्हें लाला मांगीराम धर्मशाला के पास से प्रवेश दिलाकर लखदातार मेला ग्राउंड ले जाया जाएगा। वहां से 75 फीट के मुख्य मैदान में बनी 14 लाइनों के माध्यम से भक्त मंदिर तक पहुंचेंगे।

इस बार भक्तों को बाबा श्याम के दर्शन के लिए करीब 5 घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि भीड़ कम होती है तो सिर्फ 4 लाइनों को ही खोला जाएगा, जिससे दर्शन जल्दी हो सकेंगे।

दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था

दिव्यांगों और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन ने अलग लाइनें बनाई हैं। लाला मांगेराम धर्मशाला के पास एक विशेष मार्ग तैयार किया गया है, जहां से व्हीलचेयर पर बैठे दिव्यांगों को सीधे मंदिर तक ले जाया जाएगा।

सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी को छोड़कर इस बार किसी के लिए भी वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं होगी। इससे आम भक्तों को दर्शन के लिए ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी।

यातायात और पार्किंग के लिए नई व्यवस्था

इस बार प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पार्किंग व्यवस्था को नए तरीके से लागू किया है। सीकर-रींगस रोड पर मंडा मोड़ के पास छोटे वाहनों के लिए विशाल पार्किंग क्षेत्र तैयार किया गया है।

श्रद्धालुओं को बस से 52 बीघा पार्किंग तक लाया जाएगा, जहां से उन्हें पैदल यात्रा करनी होगी। मेले के दौरान दर्शन के मार्ग को वन-वे बनाया गया है, जिससे जाम की समस्या नहीं होगी।

इसके अलावा, 16 आपातकालीन गेट भी तैयार किए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में भीड़ को आसानी से बाहर निकाला जा सके।

सुरक्षा के लिए पहली बार बाबा की मूर्ति के पास मेटल डिटेक्टर

इस बार मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है। पहले भक्तों की जांच रींगस डायवर्जन के पास की जाती थी, लेकिन इस बार बाबा की मूर्ति से 50 मीटर पहले मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं।

मंदिर परिसर में सभी 14 लाइनों में मेटल डिटेक्टर होंगे, जिससे हर भक्त की जांच होगी। यह पहली बार है जब मंदिर के अंदर इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

भक्तों के लिए ठंडा माहौल: पानी का छिड़काव और मेडिकल सुविधाएं

लखदातार मैदान के पास इस बार एक इमरजेंसी हॉस्पिटल भी बनाया गया है। पिछले वर्षों में जब भीड़ ज्यादा होती थी, तब मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में काफी समय लगता था। इस समस्या को हल करने के लिए मंदिर के पास ही इमरजेंसी हॉस्पिटल बनाया गया है।

चारण मैदान में इस बार दो अतिरिक्त ब्लॉक भी जोड़े गए हैं। इसके अलावा, 40 बीघा क्षेत्र में फैले लखदातार मैदान में 60 स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, जिससे लगातार पानी का छिड़काव होगा और भक्तों को गर्मी से राहत मिलेगी।

मेले के लिए 250 रोडवेज बसों का संचालन

राजस्थान रोडवेज इस मेले के दौरान 250 विशेष बसों का संचालन करेगा। पहले चरण में 28 फरवरी से खाटूश्यामजी के लिए बसें चलाई जाएंगी। दूसरे चरण में 7 से 12 मार्च तक बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

इस दौरान खाटूश्यामजी से दिल्ली के लिए सेमी-डीलक्स बसों की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा, सीकर, जयपुर और रेलवे स्टेशन जयपुर में भी मेले के लिए विशेष बुकिंग काउंटर बनाए जाएंगे, जहां से बसों और ट्रेनों की जानकारी और ऑनलाइन टिकट की सुविधा मिलेगी।

मेले के लिए खास मोबाइल ऐप और सुरक्षा प्रबंध

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) जयपुर की ओर से इस बार मेले के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा। इस ऐप में मेले से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां होंगी।

इसमें रूट, एंट्री और एग्जिट पॉइंट, पार्किंग स्थल और भीड़ नियंत्रण से जुड़ी जानकारियां मिलेंगी। सुरक्षा की दृष्टि से क्यूआरटी, एसडीआरएफ और बम स्क्वायड की टीमें भी तैनात रहेंगी।

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